ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ काले पट्टे में दिखे भारतीय खिलाड़ी, जाने इसके पीछे की वजह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का कारवां अब सेमीफाइनल मैच तक पहुंच चुका है। दोनों टीमों के बीच टूर्नामेंट का पहला सेमीफाइनल मैच दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम पर खेला जा रहा है। मुकाबले में कंगारूओं ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया है। 

लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि जब भारतीय खिलाड़ी मैदान में उतरी तब उनके बाजुओं में काले रंग का पट्टा बंधा था। जिसे लेकर लोगों के मन में सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर क्यों इंडियन प्लेयर्स ये काले रंग का पट्टा बांध कंगारूओं के खिलाफ मैदान में उतरे। 

क्यों खिलाड़ी बांधते हैं काला पट्टा?

क्रिकेट के खेल में अकसर ऐसा देखा गया है कि खिलाड़ी जब मैदान में उतरते हैं तो उनके हाथों में काला पट्टा बंधा होता है। जिसे लेकर मन में सवाल भी खड़ा होता है कि क्यों इन खिलाड़ियों ने ये पहना है? तो पहले तो ये जान लेते हैं आखिर खिलाड़ी ऐसा क्यों करते हैं। दरअसल, ये परंपरा किसी दिग्गज खिलाड़ी के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए निभाई जाती है। 

क्यों भारतीय खिलाड़ियों ने बांधा काला पट्टा?

अब जानते हैं आखिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में भारतीय खिलाड़ियों ने क्यों ये काला पट्टा बांधा है। दरअसल, मैच के एक दिन पहले यानी सोमवार 3 मार्च को मुंबई के पूर्व खिलाड़ी पद्माकर शिवलकर का देहांत हो गया था। उनके निधन के बाद टीम इंडिया जब मैदान में कंगारूओं का सामना करने उतरी तो खिलाड़ियों ने शिवलकर को श्रद्धांजलि देने के लिए काला पट्टा बांधा।

कौन थे पद्माकर शिवलकर?

जानकारी के लिए बता दें, दिवंगत पद्माकर शिवलकर ने 84 साल की उम्र में अंतिम सांस ली थी। उन्होंने मुंबई की टीम के लिए 20 सालों तक क्रिकेट खेला था। हालांकि, वह कभी भारतीय टीम के लिए नहीं खेल सके थे। बताते चलें, शिवलकर ने 1961-62 सीजन के दौरान अपने फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत की थी। उस वक्त उनकी उम्र केवल 21 साल थी। जबकि 47 साल की उम्र उन्होंने मुंबई की टीम के लिए अपना आखिरी मैच खेला था।