दिल्ली सदन में मोदी-मोदी का नारा, आप के सभी विधायकों को किया पूरे दिन के लिए बाहर, सीएजी रिपोर्ट हुई पेश, जानें और क्या हुआ सदन में?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा सत्र का आज यानी 25 फरवरी को दूसरा दिन है। सदन की कार्रवाई की शुरुआत में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के अभिभाषण से हुई थी। लेकिन सदन में सुबह से ही जोरदार हंगामा जारी था। अभिभाषण के समय भी आप आदमी पार्टी के नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया था। अभिभाषण के समय हो रहे भारी हंगाम को देखते हुए सदन के स्पीकर वीजेंद्र गुप्ता ने हंगामा करने वालों को एक-एक करके बाहर निकाल दिया था। विधायकों को बाहर निकालने के लिए स्पीकर ने मार्शल की भी मदद ली और आप के सारे विधायकों को सदन से बाहर कर दिया।

आप के विधायकों को किया बाहर

दिल्ली विधानसभा सत्र में एलजी के भाषण के समय आप के विधायकों ने हंगामा मचाना शुरू किया तो तुरंत ही अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मार्शलों को बुलाकर बाहर निकाल दिया। विधानसभा में सदन में हंगामे के समय आतिशी, गोपाल राय, कुलदीप कुमार, जुबैर अहमद, सुरेंद्र सिंह, वीर सिंह, मुकेश अहलावत, विशेष रवि के साथ 15 विधायकों को बाहर निकाल दिया था। जिसके बाद आम आदमी पार्टी के विधायकों ने सदन के बाहर हंगामा करना चालू कर दिया। आप के सभी विधायक सदन के बाहर धरने पर बैठ गए थे। 

क्यों हो रहा था सदन में हंगामा?

उपराज्यपाल के अभिभाषण के वक्त आम आदमी पार्टी के विधायक हंगामा कर रहे थे। आम आदमी पार्टी नेता बाबा साहब भीम राव अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटाने को लेकर हंगामा कर रही थी। उनका कहना है कि जब तक दोनों की तस्वीरें वापस नहीं लग जाती हैं तब तक हंगामा जारी रहेगा। 

सदन में मोदी-मोदी की गूंज

सदन में एलजी के अभिभाषण के समय, दिल्ली विधानसभा में ‘मोदी-मोदी’ की गूंज सुनाई दे रही थी। विधानसभा से आम आदमी पार्टी के विधायकों को जब बाहर निकाला जा रहा था, तब-तब मोदी-मोदी का नारा लगाया जा रहा था। सीएम रेखा गुप्ता, प्रवेश वर्मा के साथ बीजेपी के अन्य विधायक नारा लगा रहे थे। 

सीएजी रिपोर्ट कर दी गई पेश

दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने सीएजी रिपोर्ट पेश की थी, स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने कहा है कि पिछली सरकार ने रिपोर्ट पेश नहीं की है। रिपोर्ट पेश होने के बाद विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि, रिपोर्ट को लेकर पूर्व सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों को जानकर उल्लंघन किया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, नई शराब नीति से दिल्ली सरकार को 200 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। पॉलिसी भी काफी कमजोर ती और लाइसेंस प्रक्रिया में भी हेरफेर हुई थी। एक्सपर्ट पैनल ने पॉलिसी सें कुछ बदलाव करने के लिए सुझाव दिए थे, जिनको तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की तरफ से नजरअंदाज कर दिया गया था।