
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश केपूर्व सीएम वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के करीबी नेता वी. विजयसाई रेड्डी ने अचानक राजनीति से संन्यास लेने का फैसला किया है। साथ ही, उन्होंने 25 जनवरी, 2025 को अपनी राज्यसभा सदस्यता से भी इस्तीफा देने का भी ऐलान किया है।
बता दें कि, आंध्र प्रदेश की राजनीति में दिग्गज नेताओं में से एक हैं। ऐसे में उनका राजनीति से संन्यास लेने के ऐलान हर किसी को आश्चर्यचकित कर दिया है। पेशे से विजयसाई रेड्डी चार दशकों से भी अधिक समय से वाईएस परिवार के भरोसेमंद सहयोगी हैं। उन्होंने दिवंगत वाई.एस. राजशेखर रेड्डी और उनके बेटे वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के साथ मिलकर काम किया है।
उन्होंने कहा है कि उनका यह निर्णय पूरी तरह से व्यक्तिगत निर्णय है। वे किसी भी बाहरी दबाव के चलते राजनीति छोड़ने का निर्णय नहीं लिए हैं। उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा के लिए वाईएस परिवार को धन्यावाद दिया।
हाल ही में ईडी ने किया था तलब
बता दें कि, हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विजयसाई रेड्डी को काकीनाडा सी पोर्ट मामले में तलब किया था। ईडी रेड्डी पर लगे कई आरोपों पर जांच कर रही है। जिसमें रेड्डी ने अन्य लोगों के साथ मिलकर काकीनाडा सी पोर्ट्स लिमिटेड (केएसपीएल) के प्रमोटरों को अपने शेयर कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर किया। जिससे मूल हितधारकों को काफी वित्तीय नुकसान हुआ। इस मामले को लेकर रेड्डी दो सप्ताह पहले हैदराबाद में ईडी के समक्ष पेश हुए थे।
भविष्य में कृषि को लेकर केंद्रित होंगे प्रयास- विजयसाई
रेड्डी ने साफ किया है कि वे किसी अन्य पद, लाभ या मौद्रिक लाभ की आकांक्षाओं के साथ इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा है कि किसी दूसरे दल में उनका शामिल होने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा है कि उनके प्रयास भविष्य में कृषि को लेकर केंद्रित होंगे। विजयसाई का राजनीति से संन्यास लेने को आंध्र प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण बदल के तौर पर देखा जा रहा है।