
Amrawati News अमरावती व बडनेरा के करीब 6 लाख से अधिक नागरिकों को महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण (मजीप्रा) की ओर से नियमित जलापूर्ति की जाती है। अपर वर्धा जलाशय से यह पानी तपोवन के पास स्थित जलशुद्धिकरण केंद्र तक लाया जाता है। वहां पानी शुद्ध कर इसे शहर के विभिन्न क्षेत्रों के जलकुंभ तक पहुंचाया जाता है। फिर वहां से लोगों को जलापूर्ति होती है। नियमित जलापूर्ति का यह जल शुद्धिकरण केंद्र ही वर्तमान में असुरक्षित देखा जा रहा है। जहां चोर आसानी से पहुंच सकते हैं। वहां कोई शरारती पहुंचकर शहरवासियों का स्वास्थ्य आसानी से बिगाड़ सकता है। जल शुद्धिकरण केंद्र में मामूली चोरी ने इसकी सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।
भंडारगृह से उड़ायी 3 लाख की सामग्री : जहां से शहर की 6 लाख से ज्यादा जनता तक पहुंचने वाला पेयजल शुद्ध किया जाता है। उस जल शुद्धिकरण की सुरक्षा निश्चित रूप से मजबूत होनी चाहिए। ताकि कोई भी शरारती तत्व उस केंद्र तक न पहुंचे। इसी जल शुद्धिकरण केंद्र के भंडारगृह में पहुंचकर अज्ञात चोरों ने जलापूर्ति की 3 लाख 8 हजार 704 रुपए कीमत का सामग्री चुरा ली। यह बात 8 जनवरी की शाम 6 बजे प्रकाश में आई। चोरी गए सामग्री की गिनती करने के बाद फ्रेजरपुरा थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। इस भंडारगृह के सहायक भांडारपाल व किशोर सहदेव लाहे (38) है। उन्हें भंडारगृह के पंप चालक रामेश्वर सुतकर ने 8 जनवरी की शाम फोन कर बताया कि गोदाम के शटर का ताला टूटा है, शटर आधा खुला है। खबर मिलते ही किशोर लाहे ने मजीप्रा के कार्यकारी अभियंता विवेक सोलंके को घटना की जानकारी दी और उन्होंने संबंधितों से पंचनामा और चोरी गए सामग्री की गिनती की। तब पता चला कि कुल 3 लाख 8 हजार 704 रुपए की सामग्री चोरी गई।
सुरक्षा काफी कड़ी है : जल शुद्धिकरण केंद्र का परिसर काफी बड़ा है। उसके पीछे के हिस्से में गोदाम है। वहां सीसीटीवी कैमरे भी लगे है। लेकिन चोरों ने कैमेरे की दिशा बदलकर चोरी की हंै। वहां 24 घंटे सुरक्षा रक्षक भी तैनात हैं। जिससे जल शुद्धिकरण केंद्र तक पहुंचना इतना आसान नहीं है। – संजय लेवरकर, कार्यकारी अभियंता, मजीप्रा