
Shahdol News: संभागीय मुख्यालय के अनुरूप शहर में संसाधन तो जुटाए जा रहे हैं, लेकिन यातायात व्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाले ट्रैफिक सिग्नल के मामले में नगरीय प्रशासन लापरवाह बना हुआ है। शहर में लगे ट्रैफिक सिग्नल ढाई साल से बंद पड़े हुए हैं, लेकिन ठेका एजेंसी से अनुबंध के अनुरूप एन्युअल मेंटिनेंस कांट्रेक्ट (एएमसी) का पालन नगरपालिका नहीं करवा पा रही है।
यही कारण है कि मेंटिनेंस करना तो दूर की बात, एक बार बिगड़ जाने पर सिग्नल सुधारे ही नहीं जाते। शहर के मुख्य चौराहों पर लगे इलेक्ट्रानिक ट्रैफिक सिग्नल बंद होने के कारण कई बार यातायात व्यवस्था अराजक हो जाती है। जिसकी जहां से मर्जी वाहन निकाल रहे हैं। इस कारण हादसों की आशंका बनी रहती है।
विज्ञापन का पैसा वसूल रही कंपनी
नगरपालिका द्वारा यूनिक एडवरटाइजिंग नामक निजी कंपनी को शहर में इलेक्ट्रानिक ट्रैफिक सिग्नल लगाकर उनके मेेंटिनेंस का कार्य सौंपा गया है। बदले में कंपनी को शहर में अलग-अलग स्थानों पर गेंट्री लगाने की छूट दी गई है। कंपनी द्वारा विज्ञापन का पैसा तो वसूला जा रहा है, लेकिन बदले में सिग्नल को दुरुस्त रखने की शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है।
6 में 3 जगह ही लगाए सिग्नल
ठेका शर्तों में शहर में 6 स्थानों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाया जाना था, लेकिन तीन जगह जय स्तंभ, राजेंद्र टाकीज चौक एवं इंदिरा चौक पर ही लगाया गया। हालांकि तकनीकी वजहों के कारण गांधी चौक व अन्य स्थान पर सिग्नल नहीं लगाए गए। क्योंकि सिग्नल की टायमिंग के चलते जाम की स्थिति बन रही थी। सिग्नल व्यवस्था अब आगे चलने से रही, क्योंकि कंपनी का ठेका समाप्ति की ओर है।
सुधार करने के लिए कंपनी को कई बार नोटिस दिया गया है। लापरवाही को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि अब नगरपालिका अपने हिसाब से इसका संचालन करेगी।
अक्षत बुंदेला, सीएमओ नपा
इलेक्ट्रानिक सिग्नल बंद रहने से यातायात व्यवस्था बनाए रखने में दिक्कत होती है, खासकर राजेंद्र टाकीज चौक की लाइट सुधारने के लिए कई बार नगरपालिका से पत्राचार किया जा चुका है।
मुकेश दीक्षित, डीएसपी यातायात