12 सौ किसानों की होली फीकी, कलेक्टर की डेडलाइन के बाद भी धान का भुगतान नहीं, 25.67 करोड़ रूपए बकाया

Bhaskar Jabalpur
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Shahdol News: होली का त्यौहार जब पूरा देश धूमधाम मना रहा होगा तक शहडोल जिले के 12 सौ किसानों के जीवन में होली का रंग शायद उतना न चढ़ पाए। इन किसानों की होली इस बार फीकी ही रहेगी, क्योंकि सरकारी खरीदी में धान बेचने वाले इन किसानों को 25.67 करोड़ रूपए का भुगतान अब तक नहीं हो पाया। इनमें कई किसान ऐसे भी हैं, जिन्होंने ढाई माह पहले धान बेची थी। धान बेचने वाले किसान भुगतान के लिए लगातार सरकारी दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं। बड़ी बात यह है कि किसानों की समस्या दूर करने के लिए कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने 5 मार्च को बैठक बुलाकर किसानों का बकाया भुगतान 13 मार्च तक करवाने का आश्वासन दिया था। इधर, कलेक्टर द्वारा तय डेडलाइन के बाद भी राशि का भुगतान नहीं होने से किसान परेशान हैं। किसानों को उम्मीद थी कि होली से पहले पैसे मिल जाएंगे पर ऐसा नहीं हुआ।

धान के भुगतान में परेशान हुए किसान, गेहूं पंजीयन में घटा रूझान-

धान की सरकारी खरीदी में भुगतान के लिए किसानों को दो माह से ज्यादा समय तक इंतजार करना पड़ा तो इसका असर अब गेहूं की शासकीय खरीदी से पहले पंजीयन में दिख रहा है। 20 जनवरी से पंजीयन प्रारंभ होने के 52 दिन में महज 4 हजार 498 किसानों ने ही पंजीयन करवाया है। पिछले साल10 हजार 770 किसानों ने पंजीयन करवाया था। इस साल पंजीयन के लिए 31 मार्च तक अंतिम तिथि निर्धारित है। पंजीयन को 17 दिन ही शेष रह जाने के बाद अब विभाग के अधिकारी भी चितिंत दिख रहे हैं। इसका एक कारण यह भी है कि किसानों का पंजीयन कम हुआ तो इसका असर गेहूं खरीदी में सरकारी लक्ष्य की पूर्ति पर भी पड़ेगा। गेहूं पंजीयन में सबसे ज्यादा किसान ब्यौहारी तहसील से 2 हजार 235 सामने आए हैं। अन्य तहसीलों में सोहागपुर में 1 हजार 21, जयसिंहनगर 485, गोहपारु 363, जैतपुर 244 व बुढ़ार तहसील से 150 किसानों ने ही पंजीयन करवाया है।

चना, मसूर और सरसों पंजीयन में भी रूचि नहीं- सरकारी खरीदी में रूचि नहीं लेने का मामला गेहूं फसल में नहीं बल्कि रबी की अन्य फसलों में भी है। जिलेभर में चना के लिए 49, मसूर के 4 और सरसो के लिए 224 किसानों ने ही पंजीयन करवाया है।