
Jabalpur News । जिले में हुए करीब 30 करोड़ के धान घोटाले में 20 मार्च को 74 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर दर्ज होने के बाद 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, उसके बाद कार्रवाई सुस्त पड़ गई। एक सप्ताह का समय बीतने के बाद भी बाकी अारोपियों का कोई सुराग नहीं लग सका है, वहीं पुलिस का दावा है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। आरोपियों के परिजनों, रिश्तेदारों व करीबियों से पूछताछ की जा रही है, वहींमोबाइल लोकेशन के आधार पर आरोपियों की पतासाजी के प्रयास जारीहैं।
ज्ञात हो कि जिला प्रशासन द्वारा 20 मार्च को नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक दिलीप किरार सहित 13 अन्य कर्मचारियों, 17 राइस मिल मालिकों, 25 सहकारी समितियों और धान खरीदी केंद्रों के 44 कर्मचारियों के खिलाफ जिले के 12 थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इनके खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र कर अमानत में खयानत व आवश्यक वस्तु अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। मामला दर्ज होने के बाद प्रबंधक सहित 64 आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।
एक सैकड़ा से अधिक से पूछताछ
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि धान घोटाले के आरोपी नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक सहित अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है, वहीं एक सैकड़ा से अधिक ऐसे लोगोंं से पूछताछ की गई जिसमें उनके परिजन, रिश्तेदार व करीबी शामिल हैं।
नहीं पकड़ा गया घोटालेबाज बाबू
इसी तरह सिविक सेंटर स्थित संयुक्त संचालक आॅडिट कार्यालय में 7 करोड़ 21 लाख का घोटाला करने के मामले में बाबू संदीप शर्मा की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। करीब 25 दिन पूर्व ओमती थाने में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। जानकारों का कहना है कि दो दिन पहले तक वह ग्वारीघाट क्षेत्र में रहने वाले अपने एक रिश्तेदार के घर पर था, वहां से बाद में वह शहर छोड़कर भाग गया है।