
Pimpri-Chinchwad News. उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने महाराष्ट्र के स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक हिंदी अनिवार्य और तीसरी भाषा बनाए जाने के फैसले का विरोध कर रहे दलों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हिंदी भाषा को लेकर विवाद इसलिए पैदा कर रहे हैं क्योंकि उनके पास करने के लिए और कुछ काम नहीं है। पूरे देश में अंग्रेजी का इस्तेमाल होता है और इसी तरह कई राज्यों में हिंदी बोली जाती है। यहां तक कि विदेशों में भी कई जगहों पर हिंदी बोली जाती है। वे शुक्रवार को पिंपरी चिंचवड़ में चापेकर बंधुओं को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक के उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मराठी हमारी मातृभाषा है और राज्य में इसे हमेशा पहली प्राथमिकता दी जाएगी। हर राज्य में अपनी मातृभाषा के प्रति लगाव और जुनून होता है। यदि आप महाराष्ट्र में रहना चाहते हैं तो आपको मराठी आनी चाहिए। मराठी को बरकरार रहना चाहिए और आगे बढ़ना जारी रखना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा दिया, यह निर्णय दिल्ली में वर्षों से लंबित था। एनडीए सरकार ने इसे लागू करने का साहस दिखाया। भाषा को और अधिक बढ़ावा देने के लिए मुंबई में मराठी भाषा भवन स्थापित करने की योजना पर काम चल रहा है।
क्रांतितीर्थ स्मारक के निर्माण कार्य में देरी
अजित पवार ने यह स्वीकार किया कि क्रांतितीर्थ स्मारक के निर्माण कार्य में देरी हुई है। अब राज्य सरकार ध्यान दे रही है। वहां चापेकर बंधुओं के लिए एक स्मारक बनाया जाएगा जो इतिहास के अनुरूप होगा। स्मारक का कार्य राज्य सरकार के कार्यकाल के अंत तक पूरा हो जाएगा। इसके निर्माण में धन की कोई कमी नहीं होगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि चापेकर स्मारक के निर्माण कार्य के लिए 60 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी। इसमें पिंपरी चिंचवड़ मनपा की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है। इस स्मारक का कार्य राज्य सरकार और मनपा द्वारा संयुक्त रूप से पूरा किया जाएगा। राज्य सरकार पहले ही कुछ करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध करा चुकी है। यह एक पुरानी वास्तु है, हम इसकी विरासत को बरकरार रखने की कोशिश कर रहे हैं।