
Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने बदलापुर स्कूल में बच्चियों से बदसलूकी मामले के आरोपी अक्षय शिंदे के एनकाउंटर के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है। अदालत में सोमवार को मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट सौंपी गई। जिसमें पुलिसकर्मियों को एनकाउंटर के लिए कटघरे में खड़ा किया गया है। मजिस्ट्रेट जांच में पाया गया कि पुलिसकर्मियों को आरोपी का एनकाउंटर करने की जरूरत नहीं थी। पिछले साल सितंबर में जब अक्षय का एनकाउंटर किया गया, तो उस टीम में शामिल पांच पुलिसकर्मियों ने दावा किया था कि अक्षय ने एक कांस्टेबल से पिस्तौल छीनकर उन पर गोली चला दी थी। इसके बाद पुलिस की ओर से आत्मरक्षा में की गई कार्रवाई में वह (आरोपी) मारा गया। जबकि मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट में सामने आया कि तलोजा जेल से ले जाते समय अक्षय को चलती पुलिस वैन में गोली मारी गई थी।जिसमें उसकी मौत हो गई। पुलिस ने जिस पिस्तौल से आरोपी के गोली चलाने का दावा किया था उसकी फोरेंसिक रिपोर्ट में आरोपी के फिंगर प्रिंट नहीं पाए गए थे। सोमवार को अदालत में स्वत:संज्ञान याचिका और आरोपी अक्षय के पिता अन्ना शिंदे की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंपी गई। इसके अलावा रिपोर्ट में आरोपी के माता-पिता के आरोपों का समर्थन किया गया है। परिजनों की याचिका में दावा किया गया है कि उनके बेटे को फर्जी मुठभेड़ में मारा गया है।
दर्ज होगा मामला
पीठ ने सरकारी वकील से कहा कि मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के आधार पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की जाए। सरकारी वकील हितेन वेनेगावकर ने अदालत को सूचित किया कि प्रोटोकॉल के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। जिसमें राज्य मानवाधिकार आयोग को रिपोर्ट भेजना भी शामिल है। इसके बाद अदालत ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि रिपोर्ट की एक प्रति राज्य और आरोपी अक्षय के पिता को दी जाए।
क्या था मामला
पिछले साल अगस्त में बदलापुर के एक स्कूल में दो बच्चियों के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया था। जिसमें स्कूल के कर्मचारी अक्षय शिंदे को गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान 23 सितंबर 2024 को आरोपी अक्षय को तलोजा जेल से उसकी पत्नी द्वारा दर्ज कराए गए एक अन्य यौन शोषण मामले में पूछताछ के लिए ले जाया जा रहा था। इस दौरान वह एनकाउंटर में मारा गया। इस मामले की जांच अपराध जांच विभाग (सीआईडी) और मजिस्ट्रेट को सौंप दी गई।