हरियाणा से लाए गए 10 अत्यंत दुर्लभ सफेद गिद्धों में से 3 की मृत्यु

Chandrapur News ताड़ोबा अंधारी बाघ प्रकल्प में जटायु संवर्धन योजना के तहत दस माह पहले 21 जनवरी को छोड़े गए दस में से 3 सफेद जटायु (गिद्धों) की मौत के बाद वन विभाग में खलबली मच गई। साथ ही गिद्धों के संवर्धन पर भी सवाल खड़ा हो गया है। 

राज्य के वन विभाग ने दस माह पहले जटायु संवर्धन का उपयोग किया था। इसमें हरियाणा राज्य के पिंजोर स्थित अनुसंधान केंद्र के अत्यंत दुर्लभ 10 सफेद गिद्धों को ताड़ोबा में लाया गया था। इन सभी गिद्धों को पहले इस वनक्षेत्र की आदत होनी चाहिए, इस उद्देश्य से उन्हें यहां स्थापित प्री-रिलीज एवियरी में विशेषज्ञों की निगरानी में रखा गया था जिसके बाद 4 जुलाई को बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने इन सभी 10 गिद्धों को ‘जीएसएम ट्रांसमिशन ट्रैकिंग डिवाइस’ लगाया।

रामायण में जटायु का महत्व है और देश में जटायु यानी गिद्धों की संख्या कम हो गई है, इसलिए उनके संरक्षण की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार की पहल पर यह उपक्रम शुरू किया गया था। ताड़ोबा-अंधारी बाघ प्रकल्प के बोट्झरी स्थित जंगल में एक बड़ा पिंजरा तैयार कर उसमें 10 जटायु को छोड़ा था। वे वहां तीन माह तक रहे और फिर उन्हें जंगल में छोड़ दिया गया। इन जटायु पर वन विभाग की नजर थी। लेकिन 27 नवंबर को अचानक इन तीन जटायु की मृत्यु हो गई।