सुप्रीम कोर्ट ने दी 9वीं से 12वीं तक के शिक्षकों को काम करने की इजाजत, 25 हजार से ज्यादा शिक्षकों को नौकरी से हटाने के बाद फिर क्यों मिली राहत?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 25 हजार से भी ज्यादा शिक्षकों ने अपनी नौकरी गंवा दी थी। हालांकि अब कोर्ट ने इस आदेश में गुरुवार (17 अप्रैल) को थोड़ी नरमी बरती है। बच्चों की पढ़ाई पर असर न पड़े इसको ध्यान में रखते हुए अदालत ने 9वीं से 12वीं तक के शिक्षकों को कुछ दिनों के लिए अपने-अपने पद पर बने रहने की इजाजत दे दी है। इसी के साथ राज्य सरकार को सख्त आदेश देते हुए कहा कि उन्हें 21 मई तक नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। ममता बनर्जी सरकार को यह प्रक्रिया 31 दिसंबर 2025 तक पूरी करनी पड़ेगी। यह आदेश चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की बेंच ने यह आदेश दिया है। 

कौन रहेगा राहत से दूर?

उच्चतम न्यायालय ने यह साफ किया है कि ग्रुप-C और ग्रुप-D कर्मचारियों को इस राहत का कोई लाभ नहीं मिलेगा।

पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन

कोर्ट के आदेश के बाद 25,753 शिक्षकों ने अपनी नौकरी गंवा दी। इसी को लेकर भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) ने ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ कोलकाता में जोरदार प्रोटेस्ट किया था। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इस्तीफे की भी मांग की थी। हालात को काबू में करने के लिए भारी संख्या में सुरक्षाबल की तैनाती की गई थी। कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया था। 

शिक्षकों से की थी सीएम ने मुलाकात

ममता बनर्जी ने हाल ही में बर्खास्त किए गए टीचरों से मुलाकात की थी। इस दौरान शिक्षक भावुक हो गए। सीएम ने शिक्षकों को भरोसा दिलाया कि वह उनके साथ हैं। सबके हक का वह सम्मान करती हैं।