सीएम फडणवीस ने शिंदे सरकार में शुरू हुए स्वास्थ्य विभाग के 3,200 करोड़ रुपये के काम पर लगाई रोक, दोनों नेताओं के बीच बढ़ती जा रही है तकरार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बीच टेंशन बढ़ती ही जा रही है। इस बीच सीएम फडणवीस ने बड़ा फैसला लेते हुए शिंदे सरकार में जारी स्वास्थ्य विभाग के 3,200 करोड़ रुपये के काम पर रोक लगा दिया है। साथ ही, शिंदे गुट के नेता तानाजी सावंत पर आरोप लगा है कि अनुभव के बिना ही उन्हें कंपनी के मैकेनिकल सफाई का ठेका मिला है। 

सीएम फडणवीस ने शिंदे सरकार में कथित अनियमितताओं के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। साथ ही, शिंदे सरकार में जारी काम को भी स्थगित कर दिया गया है। तानाजी सावंत शिंदे सरकार के दौरान स्वास्थ्य मंत्री थे। इस दौरान एम्बुलेंस खरीद सहित स्वास्थ्य विभाग में हजारों करोड़ रुपये के घोटाले होने की बात सामने आ रही है। 

स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों की सफाई का कार्य आउटसोर्सिंग से कराने की सहमति बनी थी। इसके लिए 30 अगस्त 2024 को पुणे की एक निजी कंपनी को सालाना 638 करोड़ रुपये और 3 साल में कुल 3,190 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया।

 शिंदे गुट के सुझाव पर भी एक्शन 

सीएम फडणवीस ने मंत्रियों के ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) और निजी सचिव को लेकर भी सख्त रवैया अपनाया है। मंत्रियों के लिए ओएसडी और सचिव के लिए 125 नाम भेजे गए थे। जिसमें 109 नामों पर सहमति बनी है। हालांकि, 16 नामों पर रोक लगा दिया गया है। सीएम फडणवीस ने साफ कहा है कि वह किसी दलाल को यह जिम्मेदारी नहीं देंगे। 

बता दें कि, इनमें से कुछ नामों के सुझाव शिंदे गुट की शिवसेना की ओर से भेजे गए थे। इधर, उद्धव ठाकरे गुट ने फडणवीस के फैसले की तारीफ की है। शिवसेना-यूबीटी ने कहा कि फडणवीस राज्य के शासन अनुशासन लाने के लिए मजबूती से कदम उठा रहे हैं। सीएम फडणवीस ने भ्रष्टाचार के नाले की सफाई शुरू कर दी है।