साल में दो बार पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम लेने के आदेश, रादुविवि में 3 साल में एक बार भी परीक्षा नहीं

Jabalpur News: साल में दो बार पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम कराने का आदेश है इसके बाद भी रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में पिछले 3 वर्षों से पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया नहीं हुई है। विवि प्रशासन की लापरवाही और अनदेखी के कारण सैकड़ों शोधार्थियों का भविष्य अधर में है। छात्र लगातार मानसिक तनाव और अनिश्चितता के दौर से गुजर रहे हैं। अभ्यर्थी हर दिन विश्वविद्यालय की सामान्य शाखा के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी निष्क्रियता के चलते छात्रों की समस्याओं से मुंह मोड़े हुए हैं।

राज्यपाल के आदेश की हो रही अवहेलना

31 जनवरी 2024 को राज्यपाल की अध्यक्षता में 101वीं समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें निर्देश दिए गए थे कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को वर्ष में दो बार पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया आयोजित करनी होगी। यह अनुशंसा शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लागू होनी थी, लेकिन रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय ने इस आदेश की पूरी तरह अनदेखी कर दी।

प्रवेश के इंतजार में बर्बाद हो रहा भविष्य

विवि प्रशासन ने 25 अक्टूबर 2024 को अधिसूचना जारी कर घोषणा की थी कि नवंबर माह में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाएगी, लेकिन फरवरी 2025 तक भी कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। हर दिन सैकड़ों अभ्यर्थी विश्वविद्यालय पहुंचकर सामान्य शाखा में जानकारी लेने जाते हैं, लेकिन वहां कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिलता।

यूजीसी के नए नियमों की अनदेखी

मार्च 2024 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया के लिए यूजीसी-नेट के परिणामों को मान्यता दी जाए।

आयोग के नए नियमों के अनुसार

1. जेआरएफ – सहायक प्राध्यापक, पीएचडी और शोधवृत्ति (स्कॉलरशिप) के लिए।

2. नेट – सहायक प्राध्यापक और पीएचडी के लिए।

3. ओनली पीएचडी केवल पीएचडी प्रवेश के लिए।

पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, बहुत जल्द प्रक्रिया शुरू की जाएगी। कार्य परिषद की बैठक में भी इसे लेकर निर्णय हो चुका है।

प्रो. राजेश कुमार वर्मा, कुलगुरू रादुविवि