सामंत का ऐलान – छत्रपति शिवाजी महाराज अध्ययन केंद्र और मराठी भाषा विभाग होगा सशक्त

New Delhi News. महाराष्ट्र सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़े संस्थानों और मराठी भाषा को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। इस क्रम में राज्य सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छत्रपति शिवाजी महाराज अध्ययन केंद्र और मराठी भाषा विभाग को सशक्त बनाने के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने देने का ऐलान किया। राज्य के उद्योग और मराठी भाषा मंत्री उदय सामंत ने यहां कहा कि सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज अध्ययन केंद्र और मराठी भाषा विभाग के लिए पर्याप्त सहायता प्रदान करेगी।

उद्योग और मराठी भाषा मंत्री उदय सामंत ने यहां महाराष्ट्र सदन में एक संवादाता सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान सामंत ने बताया कि उन्होंने जेएनयू की कुलपति शांति श्री पंडित और छत्रपति शिवाजी महाराज सुरक्षा स्थिति केंद्र के अध्यक्ष और डीन प्रो. अमिताभ मट्टू के साथ मुलाकात कर विस्तृत चर्चा की है। जेएनयू में छत्रपति शिवाजी महाराज अध्ययन केंद्र के पाठ्यक्रम में शिवाजी के आठ सदस्यीय मंत्रिमंडल, उनकी गोरिल्ला युद्ध पद्धति, विदेश नीति और व्यापार नीति के बारे में विस्तार से पढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही सामंत ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए दिल्ली जाने वाले राज्य के छात्रों को छात्रावास की सुविधा प्रदान करके राष्ट्रीय राजधानी में मराठी स्कूलों को सशक्त बनाने का प्रयास करेगी।

जेएनयू में शिवाजी महाराज की विशाल प्रतिमा लगाने की योजना

सामंत ने कहा कि मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने के कारण, भाषा के विकास के लिए केंद्र सरकार से धन प्राप्त होगा। इस निधि का एक हिस्सा जेएनयू में मराठी भाषा विभाग के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स जेएनयू परिसर में शिवाजी महाराज की घोड़े पर सवार एक विशाल प्रतिमा बनाने का इच्छुक है, अगर जेएनयू से अनुमति मिल जाती है तो अगले एक साल के भीतर प्रतिमा का काम पूरा हो जाएगा।