
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने एनजीटी के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें एनजीटी ने बिहार सरकार पर 50 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया। सुको ने रोक लगाते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा।
आपको बता दें राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने उसके निर्देशों का पालन नहीं करने से नाराज होकर बिहार सरकार पर 50 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना लगाया था। बिहार सरकार एनजीटी के इसी आदेश के खिलाफ टॉप कोर्ट में अपील की। जिस पर सर्वोच्च अदालत ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है
एनजीटी निर्देश के बावजूद बिहार सरकार से ऐसा नहीं किया , बस इसी से नाराज होकर एनजीटी ने बिहार सरकार पर आर्थिक दंड लगाया। जिसे लेकर बिहार सरकार शीर्ष कोर्ट पहुंची। बिहार सरकार की याचिका पर जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्तों में जवाब देने की मांग की है। सुप्रीम सुनवाई में राज्य के मुख्य सचिव को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने का निर्देश दिया था।
मिली जानकारी के अनुसार एनजीटी गंगा में प्रदूषण रोकने के मसले पर स्टेटवार सुनवाई कर रहा है। इसमें वे सभी राज्य और जिले शामिल है , जहां से गंगा और उसकी सहायक नदीयां बहती है। एनजीटी ने इसी को लेकर बिहार सरकार को निर्देश दिया था कि वे बिहार में गंगा नदी के दाखिल होने वाले पॉइंट और बिहार से बाहर निकलने वाले पॉइंट से सैंपल लेकर उनकी रिपोर्ट पेश करे। साथ ही राज्य में जहां-जहां सहायक नदियां गंगा नदी में मिलती हैं, वहां से भी सैंपल लेकर उनकी जांच रिपोर्ट एनजीटी में पेश करें।