सरकारी स्कूलों की दूर करने परेशानी, मंत्री-नेता और अधिकारी करेंगे निगरानी

Mumbai News. राज्य के सरकारी और अनुदानिक स्कूलों की हालत सुधारने और मुंह मोड़ते विद्यार्थियों को फिर उनकी ओर खींचने के लिए सरकार पूरे दलबल के साथ मैदान में उतरेगी। मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों के साथ जिलाधिकारी, तहसीलदार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और उनके अधीनस्थ विभाग प्रमुख, गुट विकास अधिकारी, केंद्र प्रमुख से साथ वर्ग एक और दो के सभी सरकारी अधिकारी स्कूलों की निगरानी करेंगे और वहां की समस्याओं की जानकारी विभाग को देंगे। स्कूली शिक्षा मंत्री से लेकर सभी अधिकारियों तक को शैक्षणिक सत्र के दौरान जिले के कम से कम 100 स्कूलों का दौरा करेंगे। स्कूली शिक्षा एवं क्रीडा विभाग ने इससे जुड़ा परिपत्र जारी किया है जिसमें जनप्रतिनिधियों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा है कि वे अपने इलाकों में स्थित सरकारी और अनुदानित स्कूलों के कामकाज, शैक्षणिक गुणवत्ता और दूसरी बुनियादी सुविधाओं का जायजा लें साथ ही स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों से भी बातचीत करें और इस बात का मूल्यांकन करने की कोशिश करें कि उनकी शिक्षा का क्या स्तर है। स्कूलों के दौरे के समय स्कूल प्रबंधन, ग्राम पंचायत सदस्यों, सरपंच से सरकारी स्कूलों में दाखिले बढ़ाने के उपायों पर चर्चा करने को कहा गया है। चर्चा के बाद स्कूलों का दौरा करने वाले जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से कहा है कि वे उपाय सुझाएं कि कैसे सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। जिला स्तर के अधिकारियों को इस बात का जिम्मा सौंपा गया है कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के दौरे की रूपरेखा तैयार करें।

इन चीजों की करेंगे निगरानी

स्कूलों का दौरा करने वाले जनिप्रतिनिधियों और अधिकारियों को कहा गया है कि वे खास तौर पर स्कूल में बुनियादी सुविधाओं के स्तर, पूरक व्यवस्था, खेलकूद की व्यवस्था, विद्यार्थियों की स्वच्छता से जुड़ी आदत, पोषाहार आदि का जायजा लें और प्रबंधन को जरूरी मार्गदर्शन करें। अगर स्कूल या उसका कोई हिस्सा जर्जर होने, शौचालय में पानी की व्यवस्था न होने जैसी समस्याएं दिखे तो तुरंत संबंधित अधिकारियों को ठोस कदम उठाने के निर्देश दें। विभाग को उम्मीद है कि चौतरफा निगरानी से अभिभावकों और विद्यार्थियों में सरकारी स्कूलों को लेकर भरोसा बढ़ेगा।

मुख्यमंत्री पहले दिन विद्यार्थियों का करेंगे स्वागत

राज्य के मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्रियों के साथ सभी मंत्री, राज्यमंत्री, जनप्रतिनिधि, सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, शैक्षणिक सत्र 2025-26 के पहले दिन किसी न किसी स्कूल में विद्यार्थियों के स्वागत के लिए मौजूद रहेंगे। शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक) को जिलाधिकारी की मदद से इस कार्यक्रम का आयोजन करने को कहा गया है। जिलाधिकारियों को कहा गया है कि वे पालक सचिवों को जानकारी देकर कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करें।

यह योजना तो अच्छी है लेकिन सवाल यह है कि क्या इसे अमली जामा पहनाया जा सकेगा। इस तरह की योजनाएं तैयार की जातीं हैं और कुछ दिनों बाद उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। यह जरूरी है कि दौरे से स्कूलों का फायदा हो। साथ ही यह भी जरूरी है कि पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे स्कूलों पर इस तरह के आयोजनों का आर्थिक भार न डाला जाए- सुशील शेजुले, अध्यक्ष आ