
Mumbai News. महायुति सरकार प्रदेश के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने और उसके इस्तेमाल करने को लेकर अगले तीन महीने में नया नियम बनाएगी। इसके लिए सरकारी कर्मियों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर महाराष्ट्र नागरी सेवा (आचरण) नियम-1979 में संशोधन किया जाएगा। इसके लिए आवश्यकता के अनुसार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का इस्तेमाल किया जाएगा। विधान परिषद में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार सोशल मीडिया में सरकारी कर्मियों की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगी। बुधवार को सदन में भाजपा के सदस्य परिणय फुके ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए सरकारी कर्मियों के सोशल मीडिया के दुरुपयोग का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मी सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर रिल्स पोस्ट करते हैं। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, गुजरात और मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री आकदमी ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर सख्त नियम बनाया है। इसी के तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार भी नियम बनाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की अपेक्षा है कि सरकारी विभाग जनता से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया पर सक्रिय रहें। लेकिन सरकारी कर्मियों का खुद के महिमामंडन के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना उचित नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 1979 में सरकारी कर्मियों के कामकाज के तरीके के लिए महाराष्ट्र नागरी सेवा (आचरण) नियम तैयार किया गया है। लेकिन उस समय सोशल मीडिया नहीं था। लेकिन सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के कारण नया नियम बनाना आवश्यक है।
सरकारी विरोधी ग्रुप में शामिल हैं कर्मी
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सच है कि कई जगहों पर सोशल मीडिया का दुरुपयोग होता नजर आ रहा है। अनके जगहों पर सरकारी कर्मचारी सरकार के खिलाफ बनाए गए सोशल मीडिया ग्रुप में सदस्य बने हैं। वे लोग ग्रुप में सरकार की नीतियों के खिलाफ पोस्ट भी करते हैं।