संशोधित लाडली बहन योजना का लाभ सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए सरकार

Mumbai News. बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को पात्र महिलाओं को संशोधित लाडली बहन योजना के तहत लाभ को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का राज्य सरकार को निर्देश दिया है। इसके साथ ही अदालत ने सामाजिक संस्था प्रमेय वेलफेयर फाउंडेशन की जनहित याचिका का निपटारा कर दिया। लाडली बहना योजना का उद्देश्य महाराष्ट्र में आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को मासिक वित्तीय सहायता देना है। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ के समक्ष सामाजिक संस्था प्रमेय वेलफेयर फाउंडेशन की दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि राज्य सरकार ने पहले इस योजना के तहत आवेदनों पर विचार करने के लिए 11 एजेंसियों को नियुक्त किया था। अब सरकार ने केवल आंगनवाड़ी केंद्रों को आवेदनों को संशोधित करने के लिए अधिकृत किया है। योजना के तहत आवेदनों को संशोधित करने के बारे में भी आशंकाएं जताईं। संशोधित योजना के तहत वित्तीय सहायता अब 2100 रुपए प्रति माह है। जबकि पहले यह 1500 रुपए प्रति माह थी।

इस दौरान सरकारी वकील ने कहा कि योजना के तहत आवेदनों में काफी कमी आई है। इसलिए केवल आंगनवाड़ी केंद्र ही आवेदनों पर विचार कर रहे हैं। पीठ ने सरकार के हलफनामे पर गौर किया, जिसमें कहा गया था कि आवेदनों को सुविधाजनक बनाने और पात्र महिलाओं को लाभ सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए हैं। इस पर पीठ ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए कि पात्र महिलाएं परिवर्तित योजना के तहत लाभ प्राप्त कर सकें। इसके साथ ही पीठ ने याचिका का निपटारा कर दिया।