
Jabalpur News । पिछले िदनों कलेक्टर द्वारा िकए गए निरीक्षण में जिन 5 केन्द्रों में भारी गड़बड़ी मिली थी उनकी जाँच के लिए जाँच दल गठित कर िदए गए हैं। किन-किन बिंदुओं पर जाँच की जानी है, कैसे की जानी है और किस बात का ध्यान रखा जाना है यह सब जाँच दलों को बताया गया है। सबसे बड़ी बात पूरी जाँच की वीडियोग्राफी कराने का निर्णय भी िलया गया है ताकि िकसी प्रकार की गड़बड़ी की गंुजाइश ही न रहे और तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
जानकारों का कहना है कि शहपुरा तहसील के सेवा सहकारी संस्था पिपरियाकलां के बलराज वेयरहाउस के निरीक्षण के दौरान पाया गया था कि वेयरहाउस में मिलर्स की करीब 5 हजार क्विंटल धान का ढेर लगा है, जब पता िकया कि यह किसकी अनुमति से रखी गई थी तो कहा गया कि सहकारिता वालों ने रखवाया है। कलेक्टर ने इस मामले को संदिग्ध मानते हुए तत्काल ही जाँच के आदेश िदए थे और अब यह पता कराया जा रहा है िक आखिर एसडीएम, तहसीलदार और फूड कंट्रोलर को इसकी सूचना क्याें नहीं दी गई। जानकार यह भी बताते हैं िक वेयरहाउस के अंदर धान रखने का मतलब है कि बाद में उस धान की मिलिंग नहीं कराई जाती और सीधे चावल जमा कर िदया जाता, और सबसे बड़ी बात तो यह िक इतनी बड़ी मात्रा में धान एक दिन में नहीं रखवाई गई बल्कि पहले से यह सब चल रहा था।
200 का औसत कैसे आ गया, जाँच जरूरी
समिति स्तरीय खरीद केन्द्र कटरा बेलखेड़ा सहित समूचे शहपुरा में अधिकांश किसानों का धान विक्रय औसत 150 से 200 क्विंटल है जबकि जिले का बाकी औसत 76 क्विंटल है, आखिर वहाँ इतनी बड़ी मात्रा में धान कैसे हो गई और िकसान कैसे बेच रहे हैं। इसके साथ ही कुछ केन्द्रों में घटिया और नान एफएक्यू धान भी पाई गई थी उसकी भी जाँच कराई जाएगी। तौल को लेकर भी गड़बड़ी पाई गई थी, किसानों के टैग भी ठीक से नहीं लगे पाए गए थे। जाँच दलों को िनर्देशित िकया गया है िक इन सभी पक्षों को जाँच में शामिल िकया जाए।