
Amravati News निजी कोचिंग क्लासेस में नीट एग्जाम की तैयारी के लिए विद्यार्थियों से फीस वसूलने के लिए मनमानी व दादागिरी किस कदर बढ़ गई है। उसका एक मामला सोमवार को तब सामने आया। जब ग्यारहवीं कक्षा की एक छात्रा ने पंजीयन राशि भरे जाने पर भी क्लास में बैठने नहीं देने से अपने मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर इस कोचिंग क्लास में पढ़ने से साफ इनकार कर दिया। जिससे उसके किसान पिता ने रजिस्ट्रेशन फीस के 25 हजार रुपए वापस मांगने पर भी नहीं दिए जाने के कारण आखिरकार कोतवाली थाने में आकाश इन्स्टीट्यूट की अमरावती ब्रांच के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
जानकारी के अनुसार चांदूर बाजार के किसान प्रसन्ना अाढाव ने अपनी बेटी कार्तिकी को डॉक्टर बनाने की चाह में नीट एग्जाम की तैयारी के लिए आकाश इन्स्टिट्यूट की प्रभात चौक ब्रांच में प्रवेश दिलाने 18 अप्रैल को पहुंचे। उस समय आकाश इन्स्टीट्यूट की ओर से उन्हें दो वर्ष के लिए 1 लाख 60 हजार रुपए की फीस बताई गई। रकम नहीं होने पर ब्रांच मैनेजर प्रीतम पाटील ने कहा कि हमारी प्रोफेल फाइनेंस कंपनी से लोन दिला देंगे। जिसके कारण प्रसन्ना ने 18 अप्रैल को रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर 25 हजार रुपए का भुगतान किया। लोन के लिए चांदूर बाजार से अमरावती के चक्कर काटकर आधार कार्ड समेत आवश्यक दस्तावेज आकाश इन्स्टीट्यूट में जमा कराए। इसके बाद 24 अप्रैल को माता-पिता कार्तिकी को लेकर इन्स्टीट्यूट पहुंचे।
तब इन्स्टीट्यूट वालों ने क्लास में बिठाने से यह कहकर साफ इनकार कर दिया कि अभी तक प्रोफेल फाइनेंस कंपनी से कर्ज की मंजूरी नहीं मिली है। यह मिल जाने के बाद ही क्लास में एंट्री मिलेगी। तब पिता प्रसन्न अाढाव ने आपत्ति जताकर रोष व्यक्त किया। यह देखकर इन्स्टीट्यूट वालों ने कार्तिकी को उस दिन क्लास में बैठने तो दिया, लेकिन दूसरे दिन फोन लगाकर सूचित कर दिया कि जब तक लोन की मंजूरी नहीं हो जाती, तब तक कार्तिकी को क्लास में न भेजें। यह सुनकर इस छात्रा ने आकाश इन्स्टीट्यूट में नीट की कोचिंग लेने से साफ इनकार कर दिया। जिसके कारण पिता प्रसन्न ने इन्स्टीट्यूट के मैनेजर पाटील से रजिस्ट्रेशन के 25 हजार रुपए लौटाने को कहा। लेकिन इन्स्टिी्यूट ने यह रकम नहीं लौटाई। आखिरकार उन्होंने सोमवार को कोतवाली थाने में आकाश इन्स्टीट्यूट के खिलाफ शिकायत दी।
इन्स्टीट्यूट शिक्षा को बाजार बना रहे : कोचिंग क्लासेस में छात्रों से मनमानी फीस और इसकी वसूली के लिए सांठगांठ वाली फाइनेंस कंपनियों से कर्ज लेने विवश किए जाने का गोरखधंधा शुरू है। जिसका समय रहते विरोध होना चाहिए। ऐसे इन्स्टीट्यूट शिक्षा को बाजार बना रहे हंै। कर्ज मंजूर ही नहीं हुआ तो ईएमआई का सवाल ही कहां उठता है। -प्रसन्न आढाव, छात्रा के पिता
एडमिशन के पैसे वापस मांगे : प्रसन्न अाढाव की बेटी का आकाश में नीट कोचिंग के लिए एडमिशन हुआ है। इसके लिए सालाना 3 लाख रुपए की फीस रहती है, लेकिन स्कॉलरशिप की रकम फीस से कम की जाती है। शेष रकम पालकों को भरनी पड़ती है। उन्होंने फीस की ईएमआई नहीं भरी। जिससे प्रोसेस के हिसाब फीस भरने 7 दिन की मियाद खत्म होने के बाद क्लास में बैठने नहीं दिया जाता, लेकिन वे एडमिशन के पैसे वापस मांग रहे हैं। -प्रीतम पाटील, मैनेजर आकाश इंस्टीट्यूट अमरावती