रूस के साथ युद्ध न खत्म करने की कही बात, क्या जल्द शुरू होगा विश्व युद्ध 3?

Bhaskar Jabalpur
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच हुई तीखी बहस चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, अमेरिका के ओवल ऑफिस में हुई बहस का गवाह दुनिया बनी है। बहस के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति को लेकर सख्त रवैया अपनाया है। ट्रंप ने जेलेंस्की पर लाखों लोगों के जीवन को जोखिम डालने का आरोप अपनाया है। इतना ही नहीं, बल्कि उन्होंने यह तक कहा है कि जेलेंस्की की कार्रवाई से तीसरा विश्व युद्ध की शुरुआत हो सकती है। इसके बाद जेलेंस्की अमेरिका के साथ महत्वपूर्ण खनिज समझौते पर दस्तखत किए बगैर यूक्रेन के लिए पहुंच गए।

रूस से युद्धविराम पर बोले जेलेंस्की 

बहस के दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप का समर्थन पाना हमारे लिए महत्वपूर्ण है। वह युद्ध खत्म करना चाहते हैं, लेकिन हमसे ज्यादा कोई शांति नहीं चाहता है। हम लोग यूक्रेन में युद्ध को जी रहे हैं। यह हमारी आजादी, हमारे अस्तित्व की लड़ाई है।” इसके बाद जेलेंस्की ने एक्स पर ट्वीट भी किया है। उन्होंने लिखा, “जैसा कि राष्ट्रपति रीगन ने एक बार कहा था कि शांति केवल युद्ध की अनुपस्थिति नहीं है। हम न्यायपूर्ण और स्थायी शांति-स्वतंत्रता, न्याय और सभी के लिए मानवाधिकारों के बारे में बात कर रहे हैं। यूक्रेन पुतिन के साथ युद्धविराम नहीं करेगा। पिछले दस वर्षों में उसने 25 बार युद्धविराम तोड़ा है। वास्तविक शांति ही एकमात्र समाधान है।”

वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा, “मैं रूस को लेकर यूक्रेन की रणनीति में बदलाव नहीं कर सकता। रूस हमारे दुश्मन हैं, वो हमें मार रहे हैं और यही वास्तविकता है जिसका हम सामना कर रहे हैं। यूक्रेन शांति चाहता है, लेकिन यह न्यायसंगत और स्थायी शांति होनी चाहिए। इसके लिए हमें बातचीत की मेज पर मजबूत होने की जरूरत है। शांति तभी आ सकती है जब हमारे पास सुरक्षा की गारंटी होगी, जब हमारी सेना मजबूत होगी और हमारे साथी मजबूत होंगे।”

अमेरिका को लेकर कही ये बात 

जेलेंस्की ने कहा, “अमेरिकी समर्थन के बिना यह मुश्किल होगा, लेकिन हम अपनी इच्छा, अपनी स्वतंत्रता या अपने लोगों को नहीं खो सकते। हमने देखा है कि कैसे रूसी हमारे घरों में आए और कई लोगों को मार डाला। यदि हमें नाटो में स्वीकार नहीं किया जा सकता है तो हमें अमेरिका में अपने सहयोगियों से सुरक्षा गारंटी की आवश्यकता है।”