
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस ने भाजपा की डबल इंजन सरकार को जमकर घेरा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव का कहना है कि 11 वर्षों से ध्वस्त हो रही कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने में मौजूदा सरकार भी पूरी तरह विफल साबित हुई है। उन्होंने सवाल उठाया कि आरपाधिक वारदातों में वृद्धि का जिम्मेदार कौन है? क्या डबल इंजन की सरकार अपराध पर अंकुश लगाने के लिए कुछ नहीं करेगी?
देवेंद्र यादव ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना
देवेंद्र यादव ने कहा, “मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ रेखा गुप्ता ने 28 फरवरी को दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर बैठक की थी। गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री की बैठ क्या दिल्ली वालों को भ्रमित करने के लिए थी?” उन्होंने कहा कि अमित शाह औकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता राजधानी में बढ़ रहे अपराधों की जिम्मेदारी लेने से कतरा रहे हैं। देवेंद्र यादव ने कहा, “बीजेपी और आम आदमी पार्टी की नूरा कुश्ती में दिल्ली की जनता पिस रही है। अपराधियों के बीच पुलिस का भय खत्म हो गया है। दिल्ली के लोग दहशत में हैं।”
इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग को खारिज कर साबित कर दिया कि बीजेपी गंभीर नहीं है। बीजेपी की सरकार आप से अलग नहीं है। उन्होंने कहा, “कानून व्यवस्था जैसे गंभीर विषय पर बीजेपी और आप की लड़ाई दिल्ली का दुर्भाग्य है। दिल्ली वालों ने आप को 10 साल तक सत्ता पर बिठाया। अब बीजेपी को भारी बहुमत दिया है। कांग्रेस के शासनकाल जैसी मजबूत कानून व्यवस्था अभी तक नहीं दिखी। तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित गृह मंत्रालय के साथ समन्वय बनाकर दिल्ली की सुरक्षा सुनिश्चित करती थीं।”
दिल्ली में कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
इसके अलावा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने खुलेआम गोलीबारी, गैंगवार, अपहरण, हत्या, नशे की कालाबाजारी, लूटपाट, रेप, छेड़छाड़ और झपटमारी जैसे जघन्य अपराधों ने दिल्ली की छवि को धूमिल कर दिया है। इतना ही नहीं, बल्कि उन्होंने दिल्ली पुलिस की हालिया रिपोर्ट का हवाला भी दिया। देवेंद्र यादव ने कहा कि जनवरी 2025 में रोजाना 3 रेप, 12 झपटमारी, 18 चोरी, की घटनाएं राजधानी के आपराधिक स्वरूप को उजागर करती हैं।
उन्होंने कहा, “अगर रिपोर्ट में दर्ज न होने वाली घटनाओं का आंकलन हो जाए, तो दिल्ली की वास्तविकता दिल दहलाने वाली होगी। इसलिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से अपील है कि अधिकारों का प्रयोग कर उपराज्यपाल और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ समन्वय स्थापित कर दिल्ली पुलिस आयुक्त को सख्त दिशा-निर्देश दें।” उन्होंने सवाल उठाया, “दिल्ली वालों की सुरक्षा की जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा? वोट लेकर सत्ता हासिल करने के बाद डबल इंजन की सरकार दिल्ली वालों लावारिस छोड़ देगी?”