राज्यभर में 36 फीसदी पानी के नमूने जहरीले रसायन नाइट्रेट से दूषित, सरकारी अस्पतालों की सफाई के लिए बनेगी नीति

Bhaskar Jabalpur
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Mumbai News. राज्यभर में हुई पानी गुणवत्ता की जांच में 36 फीसदी पानी के नमूने जहरीले रसायन नाइट्रेट से दूषित पाए गए हैं। इनमें से 7 जिलों के 51 फीसदी पानी के नमूने नाइट्रेट मिश्रित पाए गए हैं। यह जानकारी प्रदेश के जलापूर्ति व स्वच्छता मंत्री गुलाबराव पाटील ने विधानपरिषद में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में दिया है। मंत्री गुलाब राव ने बताया कि केंद्र सरकार के भूजल बोर्ड द्वारा प्रकाशित वार्षिक भूजल गुणवत्ता रिपोर्ट 2024 के अनुसार राज्य में कुल 1567 स्थानों से पानी के नमूनों की जांच की गई है, जिनमें से 560 पानी के नमूने नाइट्रेट से दूषित पाए गए हैं। जबकि वर्धा, बुलढाणा, अमरावती, नांदेड़, बीड, जलगांव और यवतमाल इन 7 जिलों के भूजल के कुल 431 नमूनों में से 219 नमूने नाइट्रेट से दूषित पाए गए हैं। मंत्री पाटिल ने कहा कि रासायनिक जांच में दूषित पाए गए पीने के पानी के स्रोत की जगह पर ‘पानी पीने योग्य नहीं’ ऐसा बोर्ड लगाया गया है। इतना ही नहीं उक्त स्रोत को बंद करके वैकल्पिक स्रोत से शुद्ध पीने के पानी की आपूर्ति की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष में दो बार स्वच्छता सर्वेक्षण मुहिम के माध्यम से दूषित स्रोतों पर उपाय योजन की जाती है।

नांदेड़ में सबसे अधिक पानी के नमूने दूषित

केंद्र सरकार के भूजल बोर्ड के अलावा राज्य सरकार के भूजल सर्वेक्षण और विकास प्रणाली के माध्यम से भी पानी गुणवत्ता की जांच की जाती है। जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सार्वजनिक पेयजल स्रोतों और घरेलू नल के पानी के नमूनों (एफएचटीसी) का रासायनिक परीक्षण वर्ष में एक बार और जैविक परीक्षण वर्ष में दो बार किया जाता है। राज्य सरकार के भूजल सर्वेक्षण एवं विकास प्रणाली के वर्ष 2024-25 के जल नमूना सर्वेक्षण के अनुसार 7 जिलों में सबसे अधिक नाइट्रेट से प्रभावित पानी के नमूने नांदेड़ जिले में पाए गए है। नांदेड़ में 3877 पानी के नमूने में से 2190 नमूने नाइट्रेट से दूषित पाए गए है। जबकि यवतमाल में 10010 पानी के नमूने में से 675, जलगांव में 2507 नमूने में से 218, अमरावती में 2367 नमूने में से 120, बुलढाणा में 4104 नमूने में से 165, वर्धा में 1330 नमूने में से 49 और बीड में 5219 नमूने में से सिर्फ एक पानी का नमूना नाइट्रेट से दूषित पाया गया।

सरकारी अस्पतालों के साफ सफाई के लिए बनाई जाएगी नीति

प्रदेश में सरकारी अस्पतालों की साफ सफाई और कैंटीन समेत अन्य सुविधाओं के लिए नई नीति बनाई जाएगी। शुक्रवार को विधान परिषद में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर ने यह आश्वासन दिया। सदन में भाजपा सदस्य प्रसाद लाड ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए मुंबई मनपा और सरकारी अस्पतालों की विभिन्न समस्याओं का मुद्दा उठाया था। इसके जवाब में आबिटकर ने कहा कि गोल्डन आवर में मरीजों को इलाज की सुविधा मिल सकने के लिए ट्रामा केयर सेंटर की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग, पुणे-मुंबई एक्सप्रेस-वे समेत दूसरे हादसे वाले स्थलों पर एम्बुलेंस सेवा और डॉक्टरों की टीम तैनात की जाएगी। आबिटकर ने कहा कि महाराष्ट्र वैद्यकीय वस्तु खरीदी प्राधिकरण के माध्यम से सरकारी अस्पतालों के लिए दवाइयों की खरीदी की जा रही है। लेकिन इसमें तमिलनाडु के तर्ज पर दवाइयों की खरीदी की प्रक्रिया में और सुधार किया जाएगा। आबिटकर ने कहा कि राज्य में डेढ़ हजार डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए 10 अप्रैल को विज्ञापन जारी किया जाएगा। मुंबई मनपा के अस्पतालों के दवाइयों के लिए ठेकेदारों बकाया भुगतान के लिए मनपा प्रशासन को निर्देश दिए जाएंगे।