राजशाही और हिंदू देश की मांग को लेकर नेपाल में उग्र प्रदर्शन, विद्रोहियों ने इमारतों को किया टारगेट, सुरक्षाबल और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेपाल में राजशाही की मांग को लेकर शुक्रवार के दिन हिंसक प्रदर्शन देखने को मिला। हालांकि, प्रदर्शन करने वाले संगठन ने नेपाल सरकार को एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया था। लेकिन प्रदर्शन आज ही राजधानी काठमांडू में उग्र हो गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई घरों को पत्थरों से टारेगट किया। एक बहुमंजिला इमारत में आग भी लग गई है। हिंसक प्रदर्शन के दौरान विद्रोही अपने चेहरे को ढके नजर आए।

नेपाल में हिंदू देश की बहाली की मांग को लेकर भी हिंसक प्रदर्शन किया जा रहा है। काठमांडू में आज प्रदर्शन के लिए लोग आए थे। जिसके बाद अचानक हिंसा देखने को मिली। सड़क किनारे इमारतों को प्रदर्शनकारियों ने टारगेट किया। जिसके चलते कई इमारत की खिड़कियों के शीशे टूट गए।

प्रदर्शन के दौरान विद्रोही सुरक्षा घेरे को तोड़कर आगे बढ़ गए। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके और मामला उग्र हो गया। जवाबी कार्रवाई करते हुए सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस के लोगों को इस्तेमाल किया। पूरे मामले पर नेपाल सरकार अलर्ट पर है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कैबिनेट की इमरजेंसी बैठक बुलाई है। मंत्री सचिवालय के मुताबिक, शुक्रवार शाम आठ बजे मंत्रिपरिषद की आपात बैठक हो सकती है।

प्रदर्शनकारियों ने लगाए नारे 

नेपाल पुलिस ने राजतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल किया है। इस दौरान पुलिस ने खाली गोलियां भी चलवाई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ‘राजा आओ देश बचाओ’, ‘भ्रष्ट सरकार नीचे जाओ’ और ‘हमें राजतंत्र वापस चाहिए’ जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारी हिंसा के दौरान अपने हाथों में नेपाल का राष्ट्रीय झंडा और राजा ज्ञानेंद्र शाह के अलावा उत्तर प्रदेश के नेता और हिंदू विचारधारा के समर्थक योगी आदित्यनाथ की भी तस्वीरें लिए दिखाई दिए।

हिंसा में कई लोग घायल भी हुए हैं। कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है। बता दें कि, यह प्रदर्शन नवराज सुबेदी के नेतृत्व वाली संयुक्त आंदोलन समिति की ओर से आयोजित किया गया था।