रंग लायी किसानों की मेहनत, पीले सोने से चमचमाने लगे खेत-खलिहान

Kurkheda Gadchiroli News  इस वर्ष का खरीफ सत्र किसानों के लिए पूरी तरह नुकसानदेह साबित हुआ। कभी बारिश की बेरुखी तो कभी अतिवृष्टि से किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ा। विभिन्न प्रकार की जद्दोजहद का सामना करने के बाद आखिरकार किसानों की मेहनत रंग लायी है। कुरखेड़ा तहसील के अधिकांश स्थानों पर हल्के प्रजाति के धान फसल की कटाई का कार्य अब शुरू हो गया है। इस कार्य से मजदूरों को भी बड़े पैमाने पर रोजगार मिलने लगा है। 

यहां बता दें कि, पूर्वी विदर्भ में गड़चिरोली जिले की पहचान धान उत्पादक के रूप में है। मात्र जिले में किसी तरह की सिंचाई सुविधा उपलब्ध नहीं होने से स्थानीय किसान प्रकृति पर निर्भर रहकर अपने खेतों में विभिन्न प्रकार की फसल उगाते हैं। खासकर बारिश के मौसम में खरीफ सत्र के दौरान बड़े पैमाने पर धान की फसल उगाई जाती है। इस वर्ष भी किसानों ने बड़ी तादाद में धान की फसल लगाई है।

वर्तमान में हल्की प्रजाति का धान पूरी तरह तैयार हो गया है। इस कारण किसानों ने अपने खेतों में धान कटाई का कार्य शुरू कर दिया है। वर्तमान में बारिश पूरी तरह शांत होकर धूप खिलने लगी है। वहीं सुबह के दौरान ओस भी गिरने के कारण धान कटाई के लिए यह समय काफी लाभदायी माना जा रहा है। इस कारण किसानों ने अब खेतों में धान कटाई का कार्य जोरशोर से शुरू कर दिया है। इस कार्य से मजदूरों को भी अब रोजगार उपलब्ध हाेने लगा है। दशहरे के उपरांत धान पीसाई करने के बाद िकसान अपनी उपजीविका चलाने के लिए धान की बिक्री करेंगे।