योगी सरकार ने किया दावा, लखनऊ के इमामबाड़ा से लेकर अयोध्या के बहू-बेगम का मकबरा बना है सरकारी जमीन पर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लखनऊ में मंगलवार यानी 21 जनवरी 2025 को वक्फ संशोधन को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक हुई थी। जिसमें यूपी सरकार की तरफ से कृषि उत्पादन आयुक्त और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की एसीसी मोनिका गर्ग ने सरकार और अपने विभाग का पक्ष सामने रखा था। मिली जानकारी के मुताबिक, बैठक में जेपीसी केसामने मोनिका ने कहा है कि, यूपी में वक्फ की करीब 14 हजार हेक्टेयर जमीन है। जिसमें से 11 हजार यानी कि 78 प्रतिशत जमीन सरकार की है।

कौन सी जगहें हैं सरकारी?

उन्होंने ये भी कहा कि लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा और अयोध्या में स्थित बहू-बेगम का मकबरा भी सरकार का ही है। हालांकि, शिया वक्फ बोर्ड ने इसका विरोध किया है और बैठक में मौजूद कई सदस्यों ने भी इसका विरोध किया है। वक्फ (संशोधन) विधेयक पर गठित संसदीय समिति 24 और 25 जनवरी को प्रस्तावित कानून पर खंड-दर-खंड विचार भी करेगी। ये रिपोर्ट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया भी है।

कब की जाएगी रिपोर्ट पेश?

बता दें, समिति की रिपोर्ट संसद के बजट सत्र के समय पेश किए जाने की उम्मीद है। भारतीय जनता पार्टी के सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली संसद की संयुक्त समिति ने देशभर के हितधारकों के साथ ही अपनी परामर्श प्रक्रिया पूरी कर चुकी हैं। अब रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले ही समिति के सदस्यों की राय लेने की तरफ बढ़ती हुई नजर आ रही है।

31 जनवरी से 4 अप्रैल तक चलेगा बजट सत्र

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने समिति में आने वाले बजट सत्र के आखिरी दिन तक का कार्यकाल विस्तार दिया था। बता दें, बजट सत्र 31 जनवरी से चार अप्रैल तक जारी रहेगा। बीच में कुछ दिनों तक की छुट्टी होगी। जिसमें मसौदा कानून में अपने संशोधन का प्रस्ताव पेश कर सकते हैं, जिस पर मतदान किया जाएगा।

बीजेपी के साथ सहयोगी दल

विपक्षी सांसद विधेयक का बहुत ही ज्यादा विरोध कर रहे हैं और संशोधन का प्रस्ताव भी दे सकते हैं। लेकिन बीजेपी और उसके सहयोगी दल बहुमत में हैं, इसलिए प्रस्ताव स्वीकार ना करने की भी संभावना है। मिली आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, खंड-दर-खंड विचार के आधार पर ही मसौदा रिपोर्ट तैयार की जाएगी और विधायी विभाग के साथ साझा की जाएगी।