
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्हाइट हाउस में हुई बहस के बाद से ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के तेवर कुछ बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। पहले जेलेंस्की का कहना था कि जब तक यूक्रेन शामिल नहीं होता तब तक रूस के साथ कोई समझौता नहीं होगा। हालांकि अब जब अमेरिका ने सैन्य मदद देने से इनकार कर दिया तो उनका बर्ताव ठीक उल्टा हो गाय है। ट्रंप के नेतृत्व में जेलेंस्की समझौता करने के लिए सहमत हो गए हैं। इसके अलावा यूक्रेन के राष्ट्रपति ने देश का खनिज भंडार यूएस को देने की घोषणा की जिसके बदले में वह सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। लेकिन ट्रंप फिलहाल इसके पक्ष में नहीं हैं।
खनिज चाहता है अमेरिका
आपको बता दें कि, अमेरिका यूक्रेन से सैन्य मदद और युद्ध के समय की गई फंडिंग के बदले में खनिजों की चाह रखता है। ताकि अमेरिका, रूस और चीन से आगे रहे। यूक्रेन के पास खनिजों का भंडार है। उनके पास टाइटेनियम, मैंगनीज, कोबाल्ट, यूरेनियम, लिथियम और गैलियम जैसे अनेक खनिजों की भरमार है।
यूक्रेन के पास हैं यह खनिज
जानकारी के मुताबिक, यूक्रेन के पास लगभग 140 मिलियन टन मैंगनीज है। देश के करीब 5 लाख टन लिथियम का भरमार है जो इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरी बनाने के लिए अहम है। यूक्रेन के पास 8.4 मिलियन टन टाइटेनियम और 1,85,400 टन यूरेनियम है। इसके अलावा 2,15,000 टन निकेल और 4 टन गैलियम मौजूद है।