यूं ही नहीं PM पद छोड़ने के लिए तैयार हुए जस्टिन ट्रूडो! इन 3 कारण के चलते दिया इस्तीफा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कनाडा में बीते 10 सालों से प्रधानमंत्री पद की कमान संभालने के बाद सोमवार को जस्टिन ट्रूडो ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उनके इस्तीफे को लेकर कई तरह के दावा किए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि ट्रूडो ने इस्तीफे देन के लिए मतदाताओं की कमी को जिम्मेदार ठहराया है। तो वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि ट्रूडो ने अपने काफी समय से चल रहे आलोचना के चलते यह फैसला लिया है। फिलहाल, लिबरल पार्टी ऑफ कनाडा का लीडर चुने जाने तक जस्टिन ट्रूडो कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत रहेंगे।

यदि देखा जाए तो बीते दो सालों में जस्टिन ट्रूडो के प्रधानमंत्री रहते हुए कनाडा में गृह युद्ध से लेकर कई देशों से संबंधों में तल्खी देखी गई है। चाहे भारत से खटास हो या फिर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी, ट्रूडो के इस्तीफा देना की पीछे कई वजह बताई जा रही है।

कनाडा-भारत के रिश्तों में खटास

दरअसल, जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा देने के पीछे एक वजह भारत-कनाडा के रिश्तों में तनाव भी माना जा रहा है। दरअसल, बीते दो सालों से ट्रूडो सरकार खालिस्तानी आंतकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाती आई है। नतीजा यह रहा कि कनाडा सरकार ने भारत के खिलाफ वीजा लेने पर सख्ती दिखाई। ट्रूडो सरकार ने भारतीय नागिरकों से लेकर छात्रों के खिलाफ नए नियम लागू कर दिया था। इसके बाद से ही भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षी संबंध बद से बदतर होते चले गए। इसका नतीजा कनाडा की घरेलू राजनीति पर भी दिखाई दिया था।

डोनाल्ड ट्रंप की कनाडा को धमकी

इसके अलावा पिछले साल अमेरिका के साथ भी कनाडा के संबंध तनावपूर्ण दौर से गुजरे हैं। अमेरिका में ड्रग्स की तस्करी और अवैध प्रवासियों की घुसपैठ के बढ़ते मामलों के लिए डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रूडो सरकार को दोषी ठहराया था। अमेरिकी के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने ट्रूडो को कनाडा पर टैरिफ में 25 प्रतिशत तक दायरे बढ़ाने की चेतावनी दी थी। ट्रंप के इस फैसले से कनाडा को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता था।

यह भी पढ़े –भारत पर आरोप लगाना कनाडाई पीएम को पड़ा भारी, विदेशी मीडिया ने की ट्रूडो सरकार की खिंचाई, कहा- उनका समय अब पूरा हुआ

घरेलू राजनीति में अपनों ने छोड़ा साथ 

भारत और अमेरिका से अनबन के बाद जस्टिन ट्रूडो को तीसरा झटका खालिस्तान समर्थक और एनडीपी नेता जगमीत सिंह से लगा है। दरअसल, जगमीत सिंह ने ट्रूडो सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। एनडीपी नेता का आरोप लगाया था कि ट्रूडो सरकार कॉर्पोरेट के लालच में आ गई है। इस वजह से वह ट्रूडो सरकार से अपना समर्थन वापस ले रहे हैं।