
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के करीबी और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा के खिलाफ कर्नाटक में एफआईआर दर्ज हुई है। उनके एनजीओ फाउंडेशन फॉर रिवाइटेलाइजेशन ऑफ लोकल हेल्थ ट्रेडिशन (FRLHT) पर वन विभाग की जमीन पर कब्जा करने का आरोप है।
भाजपा नेता और एंटी बेंगलुरु करप्शन फोरम के अध्यक्ष रमेश एनआर ने विगत 24 फरवरी को ईडी और लोकायुक्त से मामले की शिकायत की थी। इसके बाद मामले की जांच हुई और सोमवार को पित्रोदा, उनके NGO के एक साथी, वन विभाग के 4 अफसर और एक रिटायर्ड IAS अफसर पर केस दर्ज हुआ है।
वहीं शिकायत होने के बाद पित्रोदा ने इस पर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था, ‘मेरे पास भारत में कोई जमीन-घर या शेयर नहीं हैं। 1980 के दशक में राजीव गांधी के साथ और 2004 से 2014 तक डॉ. मनमोहन सिंह के साथ काम करने के दौरान मैंने कभी कोई वेतन नहीं लिया। अपने 83 साल की जिंदगी में कभी भी भारत या किसी अन्य देश में न रिश्वत न दी है और न ली है।’
शिकायतकर्ता बीजेपी नेता रमेश ने बताया कि FRLHT एनजीओ ने कर्नाटक राज्य वन विभाग से औषधीय जड़ी-बूटियों के संरक्षण और रिसर्च के लिए रिजर्व फोरेस्ट एरिया को लीज पर देने की रिक्वेस्ट की थी। इसके बाद विभाग ने साल 1996 में बेंगलुरु के येलहंका के पास जरकबांडे कवल में बी ब्लॉक में 12.35 एकड़ आरक्षित वन भूमि लीज पर दी थी। लीज का यह समय 2 दिसंबर 2011 को खत्म हो गई थी। इसे आगे नहीं बढ़ाया गया।
लेकिन जब लीज खत्म हो गई तो जमीन वन विभाग को वापस कर देनी चाहिए थी। रमेश का आरोप है कि वन विभाग के अधिकारियों ने पिछले 14 सालों में इस जमीन को वापस लेने का कोई प्रयास भी नहीं किया था।