मुख्यमंत्री आतिशी ने पत्र लिखकर कहा – ‘धार्मिक स्थलों को न तोड़ें’, उपराज्यपाल का जबाव – ‘ऐसा कोई आदेश ही नहीं दिया’

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखकर उन्होंने कहा कि मंदिर और बौद्ध धार्मिक स्थल न तोड़ा जाए। इसके जबाव में उपराज्यपाल की ओर से कहा कि न तो कोई धार्मिक स्थल तोड़ा जा, न ही ऐसा कोई आदेश दिया गया है।

बता दें कि दिल्ली की सीएम आतिशी और उपराज्यपाल के बीच लेटर वॉर बढ़ता ही जा रहा है। इसकी शुरूआत सोमवार को उपराज्यपाल के सीएम आतिशी को लिखे लेटर से हुई थी। इस लेटर में उन्होंने केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने आतिशी को एक अस्थायी मुख्यमंत्री कहा है। इसके जबाव में आतिशी ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर उन्हें ऐसी राजनीति करने के बजाए दिल्ली की जनता के लिए काम करने की नसीहत दी थी। दोनों के बीच हुए इस वार-पलटवार पर दिल्ली की सियासत गरमा गई।

लेटर में क्या बोलीं आतिशी?

उपराज्यपाल को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, ‘यह मेरे ध्यान में लाया गया है कि धार्मिक समिति ने 22 नवंबर, 2024 की एक बैठक में पूरी दिल्ली में कई धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने का आदेश दिया है। पिछले साल तक धार्मिक समिति का फैसला दिल्ली सीएम के माध्यम से एलजी के पास जाता था, लेकिन संबंधित आदेश में इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।’

उन्होंने आगे कहा, ‘पिछले साल जारी एक आदेश में आपके कार्यालय ने कहा था कि धार्मिक संरचनाओं का विध्वंस सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित मामला है और निर्वाचित सरकार के दायरे में नहीं आता है और यह सीधे उपराज्यपाल के दायरे में होगा. तब से धार्मिक समिति के काम की निगरानी सीधे आपके द्वारा की जा रही है। इन संरचनाओं के विध्वंस से इन समुदायों की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी। दिल्ली के लोगों की ओर से मैं आपसे अनुरोध करना चाहती हूं कि किसी भी मंदिर और पूजा स्थल को ध्वस्त न करें।’

एलजी ने किया पलटवार

सीएम आतिशी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए एलजी सचिवालय ने कहा है, ‘न तो कोई मंदिर, मस्जिद, चर्च या कोई अन्य पूजा स्थल तोड़ा/ध्वस्त किया जा रहा है, न ही इस आशय की कोई फाइल उपराज्यपाल के पास आई है। मौजूदा सीएम अपनी और अपने पूर्ववर्ती सीएम की विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए घटिया राजनीति कर रही हैं।’