
New Delhi News. केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि मृदा उर्वरता मानचित्रण पहल के तहत महाराष्ट्र के 34 जिलों में से 351 गांवों के लिए मृदा उर्वरता मानचित्र तैयार किया गया है। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने मंगलवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। सांसद सुप्रिया सुले, डॉ अमोल कोल्हे, वर्षा गायकवाड़, निलेश लंके, अमर काले, भास्कर भगरे, धैर्यशील पाटील और संजय दिना पाटील के पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मृदा उर्वरता मानचित्र मृदा की पोषक संरचना और स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत स्थानिक सूचना प्रदान करते हैं। यह किसानों को उर्वरक और मिट्टी के संशोधनों के विवेकपूर्ण अनुप्रयोग में मदद करता है, जिससे अति प्रयोग या कम उपयोग के जोखिम को कम किया जा सकता है। यह किसानों के लिए आर्थिक परिणामों को बढ़ाता है, क्योंकि वे कम इनपुट के साथ अपने रिटर्न को अधिकतम करने में सक्षम होते हैं, इस प्रकार समग्र लाभप्रदता में वृद्धि होती है।
रामनाथ ठाकुर ने बताया कि मृदा उर्वरता आंकड़े एसएचसी के रूप में किसानों को उपलब्ध कराए जाते हैं। किसान पंजीकृत मोबाइल नंबर दर्ज करके पोर्टल से एसएचसी डाउनलोड कर सकते हैं। मिट्टी की उर्वरता मानचित्रण के लिए दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में लॉजिस्टिक, तकनीकी और वास्तविक इंफ्रास्ट्रक्चर अवरोध जैसी चुनौतियां हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पहाड़ी और दूरदराज के क्षेत्रों में ग्राम स्तरीय मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं और मिनी प्रयोगशाला का उपयोग इन चुनौतियों का समाधान कर रहा है।