
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता व पार्टी सांसद राहुल गांधी ने इंदिरा भवन में असम कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की। 126 सीटों वाले असम में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसे लेकर कांग्रेस ने अभी से तैयारियां तेज कर दी हैं।
बैठक के बाद कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने अगले साल चुनाव में जाने वाले हर राज्य के नेतृत्व से बात की। उन्होंने हमारी बात सुनी और हमें आगे बढ़ने के निर्देश दिए। अगर हमें असम में लोकतंत्र बचाना है, तो वहां की भ्रष्ट भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकना होगा। सभी जानते हैं कि समाज में अशांति का माहौल है, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भ्रष्टाचार की जो लंका स्थापित की है, उस लंका को तोड़ना है।”
असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन कुमार बोराह का बयान
असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन कुमार बोराह ने कहा कि आज असम से जुड़े हए महत्वपूर्ण मुद्दों और चुनावी रणनीति को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, नेता विपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ मीटिंग हुई। इस मीटिंग में असम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी मौजूद रहे। इस मीटिंग में असम से आए हुए सभी नेताओं को अपनी बात रखने का मौका मिला, जिसके लिए हम पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को धन्यवाद देते हैं। हमने संकल्प लिया है कि हम सभी एकजुट होकर आगामी चुनावों में असम से BJP की सरकार को उखाड़ फेकेंगे। हिमंता बिस्वा सरमा देश के सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री हैं और हमने मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार से जुड़े हुए सभी सबूत शीर्ष नेतृत्व के सामने रखे हैं। हम और हमारे सभी नेता जनता के बीच जाएंगे और भ्रष्टाचार के इन सबूतों को उनके सामने रखेंगे।
असम के कांग्रेस प्रभारी का बयान
असम के प्रभारी और महासचिव जितेन्द्र सिंह अलवर ने कहा कि आज असम के हर रीजन से कांग्रेस के नेता इस बैठक में मौजूद थे। इस बैठक में आगामी असम विधानसभा चुनाव की रणनीति से जुड़ी चर्चा हुई। ये बात भी रखी गई कि असम के मुख्यमंत्री राज्य को बेच रहे हैं, माफियागिरी कर रहे हैं और सिंडिकेट चला रहे हैं, जिससे असम की जनता बहुत पीड़ित है। बैठक में आगे ये भी तय हुआ कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी असम का दौरा करेंगे और वहां उनकी रैलियां होंगी। असम में BJP और उसके मुख्यमंत्री घबराए हुए हैं, जबकि कांग्रेस बेहद मजबूती से काम कर रही है और असम की जनता के लिए लड़ रही है।