मंत्री पोनमुडी के खिलाफ महिलाओं पर आपत्तिजनक बयान देने के मामले में FIR दर्ज कराने का आदेश-HC

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को राज्य के मंत्री के पोनमुडी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया है। उच्च न्यायालय ने ये निर्देश  मंत्री के खिलाफ महिलाओं और धार्मिक समुदायों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने के मामले दिया है।  कोर्ट ने सरकार को 23 अप्रैल तक का टाइम दिया है। कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा है कि अगर तय समय सीमा तक FIR दर्ज नहीं की गई, तो कोर्ट स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करेगा।

बीजेपी ने भी पोनमुडी के आपत्तिजनक बयानों को लेकर तीखा हमला किया था। के. अन्नामलाई ने कहा कि यह डीएमके का राजनीतिक स्तर है, अगर डीएमके यह सोचती है कि केवल पार्टी पद से हटाकर लोग इस मामले को भूल जाएंगे, तो यह उनकी गलतफहमी है। बीजेपी के कई नेताओं ने बयान को लेकर डीएमके पर निशाना साधा। बीजेपी नेताओं का कहना है कि क्या मुख्यमंत्री स्टालिन, उनकी गिरफ्तारी का आदेश देंगे?

 तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने कहा था कि पोनमुडी को पार्टी के उप महासचिव पद से मुक्त कर दिया गया है। आपको बता दें ये पहली बार नहीं है जब पोनमुडी अपने बयानों को लेकर विवादों में आए हैं। इससे पहले भी उन्होंने हिंदी भाषियों को पानीपुरी बेचने वालों से जोड़कर टिप्पणी की थी, जिससे राजनीतिक हलकों में काफी विवाद हुआ था।

आपको बता दें पिछले दिनों मंत्री के. पोनमुडी ने एक कार्यक्रम में धार्मिक संदर्भ में सेक्स वर्कर का जिक्र करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। मंत्री के बयान को लेकर पार्टी की सांसद कनिमोझी ने भी नाराज़गी जाहिर की।  मंत्री पोनमुडी का भाषण स्वीकार्य योग्य नहीं है। उन्होंने मंत्री के बयान की घोर निंदा की। पोनमुडी को शैव और वैष्णव धर्म को लेकर दिए गए विवादित बयान के चलते पार्टी के एक अहम पद से हटा दिया गया था। ।