भ्रष्ट और फिक्सर अधिकारियों की नियुक्ति नहीं करने पर विपक्ष ने की फडणवीस की तारीफ

Bhaskar Jabalpur
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Mumbai News. महाराष्ट्र के मंत्रियों के सोलह निजी सचिव और ओएसडी की नियुक्ति को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते मंजूरी नहीं देने का मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का यह फैसला विपक्षी दलों के नेताओं को भी रास आ रहा है। फडणवीस के इस फैसले का शिवसेना (उद्धव) और राकांपा (शरद) ने भी स्वागत किया है। शिवसेना (उद्धव) सांसद एवं प्रवक्ता संजय राऊत ने मुख्यमंत्री फडणवीस की तारीफ करते हुए कहा है कि उन्होंने राज्य सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने के जो प्रयास किए हैं, हम उनकी सराहना करते हैं। वहीं राकांपा (शरद) मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने भी फडणवीस के इस फैसले की तारीफ की है।

संजय राऊत ने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर फडणवीस ने एक महत्वपूर्ण काम किया है। मंत्रियों के निजी सचिव और ओएसडी नियुक्त करने की शक्तियां उन्होंने छीन ली हैं। मंत्रियों ने अपने निजी सचिव और ओएसडी के नाम पास कराने के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजे हैं, उनमें से 16 नाम को फडणवीस ने यह कहकर खारिज कर दिया कि इन लोगों पर मंत्रालय में दलाली या फिक्सिंग के आरोप हैं। राऊत ने कहा कि पिछले तीन साल में राज्य सरकार में भ्रष्टाचार जिस स्तर पर पहुंचा था, अब उसको साफ करने का काम फडणवीस ने किया है। हम मुख्यमंत्री की भूमिका का स्वागत करते हैं। राऊत ने कहा कि फडणवीस को अब उन मंत्रियों के नाम का खुलासा भी करना चाहिए जिन्होंने भ्रष्ट नाम मुख्यमंत्री के पास भेजे।

रोकी गई नियुक्ति में 13 शिंदे गुट के- राऊत

राऊत ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मेरे पास उन सभी 16 निजी सचिव और ओएसडी के नाम हैं, जिनकी नियुक्ति रोकी गई है। इनमें से 13 शिवसेना (शिंदे) के मंत्रियों के निजी सचिव हैं, जबकि बाकी अजित पवार के हैं। राऊत ने कहा कि फडणवीस से भले ही हमारे राजनीतिक मतभेद हैं, लेकिन हम उनके द्वारा राज्य हित में लिए गए सही फैसलों का समर्थन भी करते हैं। उन्होंने कहा कि जब फडणवीस पिछली सरकार में उपमुख्यमंत्री थे तो उस समय कई परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था। यही कारण है कि वे अब इस दुकान को बंद करना चाहते हैं।

फडणवीस पिछली सरकार में भी आवाज उठाते तो अच्छा होता- तपासे

राकांपा (शरद) मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि हमारी पार्टी राज्य के हित के लिए काम करती आई है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने राज्य हित को देखते हुए भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए जो फैसला लिया है, उसके लिए हम उनका स्वागत करते हैं। लेकिन फडणवीस को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज पिछली सरकार में भी उठानी चाहिए थी।

फडणवीस ने 16 लोगों को बताया था फिक्सर

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा था कि उनके सहयोगी मंत्रियों ने जो निजी सचिव और ओएसडी के नाम की सूची मेरे कार्यालय में भेजी है, उसमें 125 नाम में से 109 को मंजूरी दे दी गई है, जबकि 16 लोगों की नियुक्ति को इसलिए अस्वीकार कर दिया है, क्योंकि इन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं या मुकदमे चल रहे हैं। फडणवीस ने कहा था कि राज्य की स्वच्छ प्रशासनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसे व्यक्तियों को इन पदों पर नियुक्त नहीं किया जा सकता। हालांकि फडणवीस के इस फैसले पर कई मंत्रियों ने नाराजगी भी जताई थी।