
Seoni News: भीमगढ़ बांध का जलस्तर कम होने से जिला मुख्यालय में निर्मित हुई भीषण जलसंकट की स्थिति के बाद जिला प्रशासन, जल संसाधन विभाग, नगर पालिका सहित जनप्रतिनिधि हरकत में हैं। भीमगढ़ बांध से इस माह 2 अप्रैल से पानी छोडऩा बंद किए जाने से पड़ोसी जिले बालाघाट में भी हायतौबा मची है।
सिवनी में खड़े हुए जलसंकट के निराकरण के लिए जल निगम की बंडोल ग्रामीण जल समूह नल जल योजना को नगर पालिका की पुरानी जलावर्धन योजना से जोड़ा गया है, वहीं छिंदवाड़ा जिले में स्थित माचागोरा बांध से 19 अप्रैल को पानी छोडक़र भीमगढ़ बांध तक लाया जा रहा है। इस माह की शुरुआत में खड़ी हुई पानी की परेशानी अभी दूर नहीं हुई है। सिवनी में एक दिन छोडक़र एक दिन पानी देने का कैलेंडर जारी किया गया है। माचागोरा से आ रहे पानी व भीमगढ़ के पानी के सिंचाई के लिए इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है।
इन सबके बीच यह उजागर हुआ है कि 2 अप्रैल को बांध से पानी निकासी बंद किए जाने के बावजूद भीमगढ़ बांध के पानी का लेबल आधा मीटर कम हो गया है। 2 अप्रैल को बांध के पानी का लेबल 507.20 मीटर था, जो कि 22 अप्रैल को 506.70 मीटर पर पहुंच गया है। याने 21 दिन की अवधि में बांध का 9 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी खत्म हो गया, जबकि इस माह के प्रारंभ में गोहना स्थित बंडोल ग्रामीण समूह नल जल योजना के इंटकवेल में पानी उतरने से 2-3 दिन सप्लाई ठप हुई, उसके बाद सुआखेड़ा इंटकवेल में बांध का पानी सुखने से नगर पालिका सिवनी की दोनों जलावर्धन योजनाएं ठप पड़ी हैं।
बांध के पानी का लेबल आधा मीटर कम होने के पीछे डूब क्षेत्र के 43 गांव में बिना पट्टा आवंटन के गेहूं की फसल कटने के बाद मूंग आदि की धड़ल्ले से की जा रही खेती को कारण बताया जा रहा है। बताया जाता है कि किसानों ने 2 अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच ही सैकड़ों मोटर लगाकर बांध के पानी से सिंचाई कर डाली, जिससे बांद का पानी आधा मीटर और उतर गया।
बांध का लेबल
02 अप्रैल – 507.20 मीटर
22 अप्रैल – 506.70 मीटर
5 पेयजल योजनाओं का संचालन, 2 पड़ी हैं ठप
वर्तमान में भीमगढ़ बांध से पांच नल जल योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। सिवनी नगर पालिका की पुरानी व नवीन जलावर्धन योजनाओं द्वारा बांध से प्रति माह लगभग 0.668 एमसीएम पानी लिया जाता है। इसी तरह बंडोल ग्रामीण समूह नल-जल योजना के लिए प्रति माह 0.551 एमसीएम, सिद्धघाट सकरीमोर्चा घाट ग्रामीण समूह नल जल योजना के लिए प्रति माह 0.225 एससीएम तथा छपारा नगर परिषद द्वारा जलप्रदाय के लिए प्रतिमाह 0.0744 एमसीएम पानी ही लिया जाता है। बांध का पानी 21 दिन में 9 एमसीएम कम हो गया है, जबकि उक्त पांचों योजनाओं से प्रतिमाह 2 एमसीएम पानी भी नहीं लिया जाता। अभी तो स्थिति यह है कि नगर पालिका के सुआखेड़ा स्थित दोनों इंटकवेल से पानी की पंपिंग लगभग ठप पड़ी हुई है।
नल-जल योजनाओं की मासिक खपत
योजना खपत प्रतिमाह
सिवनी नगर पालिका जलावर्धन योजना 1 व 2 – 0.668 एमसीएम
बंडोल ग्रामीण समूह नल-जल योजना – 0.551 एमसीएम
सिद्धघाट सकरीमोर्चा घाट ग्रामीण समूह नल जल योजना – 0.225 एससीएम
छपारा नगर जलप्रदाय – 0.0744 एमसीएम
(नोट-खपत मिलियन क्यूबिक मीटर में)
30-30 एचपी की लगी हैं मोटरें
भीमगढ़ बांध के डूब क्षेत्र स्थित 43 गांव में लगभग साढ़े 3 हजार हेक्टेयर भूमि पर खेती होती है। बांध के डूब क्षेत्र की उक्त जमीन जल संसाधन विभाग द्वारा पट्टे पर डूब क्षेत्र के किसानों को खेती के लिए दी जाती है। उक्त भूमि पर गेहूं कटाई के बाद मूंग आदि फसल अवैध तरीके से बो ली गई है। इधर, सूत्र यह भी बता रहे कि दो साल से पुराने पट्टे न ही रिनुअल हुए हैं और न ही नए पट्टे जारी किए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद धड़ल्ले से खेती की जा रही है।
बताया जाता है कि कई दबंग भी 30-30 एकड़ व उससे भी ज्यादा में खेती कर रहे हैं और 30 से 40 एचपी की हैवी मोटरें लगाकर अवैध तरीके से बांध का पानी खींचकर सिंचाई की जा रही है। जलसंकट की विषम परिस्थितियों के बावजूद ऐसे लोगों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई के लिए संयुक्त अभियान नहीं चलाया जा रहा है।
इनका कहना है-
डूब क्षेत्र की जमीन पर खेती के लिए गेहूं के बाद कोई पट्टा जारी नहीं किया गया है। किसानों ने मूंग आदि फसल लगाई है। मोटरें लगाकर पानी लिया गया है। इस संबंध में अफसरों को निर्देशित किया गया है।
– अशोक देहरिया, प्रभारी चीफ इंजीनियर,
जल संसाधन विभाग
2 अप्रैल से 22 अप्रैल के बीच बांध का पानी लगभग 9 मिलियन क्यूबिक मीटर कम हो गया है। डूब क्षेत्र की जमीन पर गेहूं के बाद मूंग आदि फसल लगा ली गई है। सैकड़ों की संख्या में मोटरें लगाकर सिंचाई के लिए पानी खींचा गया है।
– उदय भान सिंह मर्सकोले, एसडीओ,
जल संसाधन विभाग