
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सिगरेट और तंबाकू का सेवन जितना खतरनाक होता है उतना ही खतरनाक इसके सेवन से होने वाले डिजीज होते हैं। तंबाकू और सिगरेट के सेवन से केवल कैंसर ही नहीं बल्कि और भी कई सारी गंभीर बीमारियां होती हैं। ऐसी ही एक बीमारी भारत में फैल रही है जिसका नाम बरगर डिजीज है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में हर साल 1 लाख में से 12-20 लोगों को ये बीमारी होती है। यूरोप और अमेरिका के मुकाबले भारत में इसके ज्यादा केस सामने आते हैं। PAD यानि पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के 46-60 प्रतिशत पेशेंट्स को बरगर डिजीज भी हो सकती है। PAD एक ऐसी बीमारी है जिसमें नर्व्ज में सिकुड़न से हाथ, पैर में ब्लड फ्लो कम होने लगता है। तो चलिए बरगर डिजीज क्या है और इससे बचने के उपायों के बारे में जानते हैं।
क्या है बरगर डिजीज?
ये बीमारी स्मोकिंग करने वाले लोगों में ज्यादा देखी जाती है। इसमें हाथों और पैरों की ब्लड वेसल्स में सूजन आ जाती है जिसके चलते ब्लड फ्लो कम हो जाता है और ब्लड वेसल्स में क्लॉटिंग हो जाती है। जिसके चलते हाथों और पैरों में पर्याप्त खून नहीं पहुंच पाता है और उसकी वजह से ही हालत चिंताजनक होने लगती है।
क्या हैं इसके लक्षण?
हाथों और पैरों में दर्द के साथ बरगर डिजीज के शुरुआती लक्षण आराम करते और सोते समय हाथ पैरों का दर्द बढ़ना है। इसका मुख्य लक्षण हाथ या पैर में जलन या झुनझुनी, हाथ पैर की उंगलियों में घाव, चलने पर घुटनों और जांघों में दर्द, स्किन का रंग बदलना या रूखा होना, ठंड में उंगलियों का सफेद होना या नीला पड़ना, हाथ पैर ठंडे या सुन्न पड़ना, मांसपेशियों में ऐंठन, ब्लड वेसल्स में क्लॉटिंग,अल्सर, टिश्यूज खराब होना जैसे कई और लक्षण भी हैं।
क्या है बरगर डिजीज का कारण?
डॉ संध कोच के मुताबिक, बरगर डिजीज का कोई मुख्य कारण अभी पता नहीं चल पाया है। उन्होंन कहा है कि यह बीमारी धूम्रपान करने वालों में सबसे ज्यादा देखी गई है। तंबाकू में पाये जाने वाले केमिकल्स रक्त वेसल्स के वॉल को कमजोर कर देते हैं, जिससे रक्त वेसल्स में सिकुड़न आ जाती है और ब्लड फ्लो कम होने लगता है। इस डिजीज से सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को होता है जो धूम्रपान करते हैं, जिनकी उम्र 20-45 साल है और धूम्रपान का सेवन करते हैं, जिनके परिवार में पहले भी किसी को ये डिजीज हुआ हो।
बरगर डिजीज में क्या होता है?
बरगर डिजीज में आर्टरीज में ब्लड फ्लो कम हो जाता है, जिससे कई सारी समस्याएं हो सकती हैं जैसे स्ट्रोक, हार्ट अटैक, मिनी स्टोक, गैंगरीन के कारण हाथ पैर काटने की जरूरत, आंतों की ब्लड वेसल्स में समस्या, नर्वस सिस्टम से जुड़ी परेशानियां देखने को मिल सकती हैं।
क्या हैं बरगर डिजीज के इलाज?
बरगर डिजीज का कोई पर्मानेंट इलाज नहीं है, लेकिन ट्रीटमेंट से डिजीज के लक्षणों को धीरे-धीरे कम किया जा सकता है। इसके लक्षण को कम करने के लिए वेसोडायलेटर्स दिए जाते हैं, जो रक्त वेसल्स को चौड़ा करके ब्लड फ्लो को अच्छा करता है। एंटी इंफ्लेमेटरी दवाओं का उपयोग करके ब्लड वेसल्स में सूजन कम करके रक्त फ्लो बेहतर होगी। दर्द रिलीवर भी दी जाती है जिससे घाव और दर्द में राहत मिलती है। ब्लड क्लॉटिंग को रोकने के लिए एंटीकॉएगुलेंट्स दिया जाता है।
क्या है बरगर डिजीज से बचने के उपाय?
इस डीजीज से बचने का केवल एक ही उपाय है जो कि है धूम्रपान और तंबाकू का सेवन न करना। अगर आप इसका सेवन करते हैं तो आज से ही धीरे-धीरे करके छोंड़ दें।