भारत तैयार करेगा स्वदेशी एआई फाउंडेशन मॉडल, अमेरिका-चीन को देगा कड़ी टक्कर

New Delhi News. केंद्र सरकार ने अमेरिका और चीन को टक्कर देने के लिए स्वदेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) चैटबॉट बनाने के लिए कमर कस ली है और इस दिशा में कदम भी बढ़ा दिया है। दुनिया भर में अमेरिका के चैट जीपीटी और चीन के डीपसीक एआई चैटबॉट की जोर पकड़ती चर्चा के बीच केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी व सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को ऐलान किया कि भारत खुद का एआई फाउंडेशन मॉडल तैयार करेगा, जो चैटजीपीटी, जेमिनी और डीपसीक की तरह की काम करेगा।

10 माह में तैयार हो जाएगा एआई फाउंडेशन मॉडल : वैष्णव

वैष्णव ने यहां ‘इंडिया एआई मिशन’ के अवसर पर यह दावा किया कि देश का बड़ा लैंग्वेज मॉडल यानी एलएलएम अगले 10 माह में तैयार कर लिया जाएगा। इसके लिए मंत्रालय ने पूरी तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य ऐसी एआई मॉडल तैयार करना है, जो पूरी तरह भारतीय संदर्भ और संस्कृति पर आधारित होगा। ऐसा बताया जा रहा है कि भारत का एआई चैटबॉट अमेरिका और चीन से काफी अलग और बेहतर होगा, क्योंकि इसमें भारतीय भाषाओं के साथ ही सांस्कृतिक विभिन्नता होगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए एआई स्टार्टअप कंपनियों से प्रस्ताव मांगे हैं, इसमें से 6 डेवलपर्स ने मॉडल पर काम भी शुरु कर दिया है, जो 10 माह के भीतर तैयार हो जाएंगे।

अश्विनी वैष्णव के अनुसार डीपसीक एआई के प्रशिक्षण में 2 हजार जीपीयू का इस्तेमाल किया गया, जबकि चैटजीपीटी के लिए 25 हजार जीपीयू का प्रयोग किया गया। उन्होंने कहा कि भारत के पास 15 हजार जीपीयू उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि सरकार ने कॉमन कंप्यूटिंग फैसिलिटी को 18 हजार जीपीयू के साथ लॉंच कर दिया है, जो स्टार्टअप और डेवलपर्स के लिए आने वाले दिनों में उपलब्ध होगा।