बीपीएससी ने पीके को भेजा कानूनी नोटिस, 7 दिनों के भीतर आरोपों को साबित न करने पर आयोग लेगा लीगल एक्शन

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार लोक सेवा आयोग ने जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को कानूनी नोटिस भेजा है। आपको बता दें पीके ने 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा को लेकर आयोग पर कई भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। बीपीएससी परीक्षा में धांधली को लेकर पीके ने पटना के गांधी मैदान में विरोध प्रदर्शन किया अनशन पर भी बैठे। उन्होंने आयोग पर मोटी रकम लेकर सीट बेचने का आरोप भी लगाया।  लेकिन अब आयोग के नोटिस देने के बाद पीके कानूनी पचड़े में फंसते हुए नजर आ रहे है। हालांकि अनशन पर बैठे पीके अभी पटना के एक अस्पताल में भर्ती हैं। 

खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक पीके ने आयोग पर आरोप लगाया कि बीपीएससी की सीटों का सौदा ₹30 लाख से लेकर ₹1.5 करोड़ तक में किया है और इसी के चलते आयोग परीक्षा को रद्द कर दोबारा परीक्षा नहीं कराना चाहता। बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कराने के लिए उनकी पार्टी  जन सुराज की ओर से पटना हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई है जिस पर 15 जनवरी को सुनवाई होगी।

 बीपीएससी की ओर से पीके को भेजे गए कानूनी नोटिस में कहा गया है कि प्रशांत किशोर 7 दिनों के भीतर अपने द्वारा लगाया गया आरोप को सिद्ध करें अन्यथा उनके खिलाफ आयोग कानूनी कार्रवाई करेगा। सात दिनों तक आरोपों को सही साबित न करने पर, ये माना जाएगा कि उन्होंने आयोग की छवि को धूमिल किया है। 

बीपीएससी के तरफ से कानूनी नोटिस भेजते हुए कहा गया है कि अगर प्रशांत किशोर ने आयोग पर लगाए गए आरोप को 7 दिनों के अंदर साबित नहीं किया तो यह माना जाएगा कि उन्होंने आयोग की छवि को धूमिल करने के लिए आपराधिक साजिश रची थी. गौरतलब है कि प्रशांत किशोर इस वक्त पटना के एक अस्पताल में भर्ती हैं जहां पर उनका आमरण अनशन अभी भी जारी है।