
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रणजी ट्रॉफी प्लेट 2024-25 टूर्नामेंट में बीते 26 अक्टूबर से तीसरे राउंड के मैचों की शुरुआत हो चुकी है। जिनमें बिहार और कर्नाटक की भिड़ंत भी शामिल है। दोनों टीमों के बीच यह मुकाबला राजधानी पटना के मोइन उल हक स्टेडियम में खेला जा रहा है। इस मैच के पहले दिन बिहार की टीम महज 143 रनों पर सिमट गई थी। वहीं, दूसरा दिन बारिश की भेंट चढ़ गया था। इसी बीच मोइन उल हक स्टेडियम से जुडा एक अजब गजब मामला सामने आया है। आइए जानते है क्या है वो मामला।
दरअसल, बिहार और कर्नाटक के बीच पटना के मोइन उल हक क्रिकेट स्टेडियम में खेले जा रहे मुकाबले में पहले दिन बिहार की टीम 143 रनों पर ऑलआउट हो गई थी। इसके बाद दूसरे दिन का खेल बारिश और पिच गीले होने की वजह से नहीं हो सका। बता दें, राजधानी पटना के कई इलाकों में चक्रवात दाना का प्रभाव देखा गया था। मोइन उल हक स्टेडियम में 26 नवंबर की रात जमकर बारिश हुई जिसकी वजह से मैदान गीला हो गया था।
रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट में बिहार और कर्नाटक मैच में पिच के गीले होने की वजह से दूसरे दिन का खेल प्रभावित हुआ था। जिसकी वजह से ग्राउंड स्टाफ ने 27 नवंबर की सुबह पिच सुखाने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया। दरअसल, मोइन उल हक स्टेडियम के ग्राउंड स्टाफ ने एक ट्रे में गोबर के उपले रख उसमें आग लगाकर उससे पिच को सुखाने की कोशिश की। हालांकि, उनकी इस कोशिश असफल साबित हुई। मैदान को सुखाने की इस तरीके के तसवीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो लोगों ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन और बीसीसीआई को जमकर लताड़ा।
जानकारी के लिए बता दें, भारत के कई पुराने मैदानों की हालत ऐसी ही है। हाल ही में बांग्लादेश और भारत के बीच कानपुर में खेले गए टेस्ट मैच में पिच सुखाने के लिए मैट का सहारा लिया गया था। इससे पहले ग्रेटर नोएडा के स्टेडियम में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए टेस्ट मैच में पिच को सुखाने के लिए पंखो का इस्तेमाल किया गया था।