
Chhindwara News: नगर निगम परिषद का सम्मेलन शुक्रवार को हंगामेदार रहा। बिना टेंडर ट्रांसपोर्ट नगर के काम और गौशाला की दुर्दशा पर कांग्रेस के साथ ही भाजपा पार्षदों ने भी अधिकारियों को घेरा। परिषद की बैठक का सबसे बड़ा प्रस्ताव जलकर में 85 रुपए और संपत्तिकर में 10 फीसदी की बढ़ोतरी का था। लंच के बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी, लेकिन भाजपा के पार्षदों ने सभी प्रस्तावों पर सहमति जताते हुए वॉक आउट कर दिया। कांग्रेस पार्षद मूल्यवृद्धि पर चिल्लाते रह गए, लेकिन भाजपा पार्षद सदन से सहमति जताकर बाहर चले गए।
बैठक की शुरुआत गौशाला के संचालन से शुरु हुई नगर निगम अध्यक्ष धर्मेंद्र सोनू मागो सहित पार्षदों का कहना था कि गौशाला में गायों की दुर्दशा हो रही है। इस दौरान कांग्रेस पार्षदों ने गौमाता की जय के नारे भी सदन में लगाए। इसके बाद अधिकारियों ने ट्रांसपोर्ट नगर का प्रस्ताव लाया जिसके बाद शुरु हुआ हंगामा घंटों तक चला। ट्रंासपोर्ट नगर में लेवलिंग का काम 2 करोड़ 70 लाख में किया जाना है, लेकिन कांग्रेस पार्षदों का कहना था कि अपने चहेते ठेकेदार को अधिकारियों ने बिना टेंडर के काम दे दिया।
यहां काम भी शुरु कर दिया गया। इस आरोप पर अधिकारी भी जवाब नहीं दे पाए। इस मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के पार्षद एक सुर में अधिकारियों को घेर रहे थे। पार्षदों का कहना था वार्ड में एक लाख के काम को लेकर हमें टेंडर के नियम बताए जाते हैं, लेकिन अपने ठेकेदार को फायदा देने के लिए बिना सरकारी प्रक्रिया के 2 करोड़ 70 लाख का काम शुरु करवा दिया गया। पार्षदों ने तुरंत काम रुकवाने और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की।
ट्रांसपोर्ट नगर में घिरे अफसर, महापौर की समझाइश पर भी नहीं माने
बिना टेंडर ट्रांसपोर्ट नगर के काम को लेकर अफसर घिर गए हैं। महापौर विक्रम अहके बीच-बचाव करते दिखाई दिए, लेकिन उसके बाद भी भाजपा के पार्षद ही उनके तर्क पर सहमत नहीं थे। महापौर का बैठक में कहना था कि उन्हें 5 करोड़ तक के काम स्वीकृत करने का पॉवर है, लेकिन पार्षदों का कहना था कि महापौर काम स्वीकृत कर सकते हैं, लेकिन बिना टेंडर काम करवा नहीं सकते हैं।
सत्ता के पार्षदों का छलका दर्द…
– बैठक में सत्ता के पार्षदों का भी दर्द छलक गया। भाजपा पार्षद शोभना संतोष राय ने कहा कि मेरी बिना जानकारी के अधिकारी वार्ड में काम करवा रहे हैं। अब तक छह सब इंजीनियर बदले जा चुके हैं।
– भाजपा पार्षद संदीप सिंह चौहान ने कहा कि मेरे वार्ड में दो लाख के काम होने हैं। अधिकारी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं। सब इंजीनियर फोन तक नहीं उठाते हैं। वार्ड के काम प्रभावित हो रहे हैं।
– भाजपा पार्षद किरण हरिओम सोनी ने कहा कि पूरे देश में लोकतंत्र है, लेकिन यहां अधिकारियों की राजशाही चल रही है। शहर विकास के काम ठप पड़े हैं। अफसर किसी की सुनने के लिए तैयार नहीं है।
ये मुद्दे भी उठे बैठक में
– निगम में नेता प्रतिपक्ष हंसा अंबर दाढ़े का कहना था कि गौशाला की दुर्दशा का कारण अधिकारी है। वहां हर एक कर्मचारी सुपरवाइजर बन गया है। गायें दम तोड़ रही है। इनका ध्यान रखने वाला कोई नहीं है।
– कांग्रेस पार्षद राहुल मालवी ने कहा कि पानी और गौशाला के लिए अधिकारी जिम्मेदार है। अफसर लाखों की मिठाईयां खाने में मस्त है। जिसका भुगतान निगम से होता है। जनप्रतिनिधियों की कहीं पूछ नहीं हो रही है।
भाजपा पार्षदों की सहमति और वॉक आउट को ऐसे समझिए..
– प्रस्ताव पर सहमति जताकर वॉक आउट करने से एमआईसी में जो जलकर में 85 रुपए और संपत्तिकर में 10 फीसदी का प्रस्ताव लाया गया था। उसे हरी झंडी दे दी गई है। 1 अप्रैल से शहर के नागरिकों को जलकर के प्रतिमाह 260 रुपए और संपत्ति कर 10 फीसदी अधिक चुकाना होगा। भाजपा पार्षदों ने जनता से जुड़े मुद्दे पर चर्चा तक नहीं की।
– अगले वित्तीय वर्ष के लिए एमआईसी द्वारा अनुमोदित किए गए दो अरब 98 करोड़ के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी गई है। वहीं एमआईसी में जो प्रस्ताव लाए गए थे उस पर भाजपा पार्षदों ने बहुमत से सहमति प्रदान कर दी है।
इनका कहना है…
– ट्रांसपोर्ट नगर शहर की जरुरत है, लेकिन पहली स्टेप में अधिकारियों और नेताओं ने मिलकर यहां भ्रष्टाचार किया। जनता के पैसों का गलत उपयोग नहीं करने देंगे। पूरे मामले की जांच करवाएंगे और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करेंगे।
धर्मेंद्र सोनू मागो, अध्यक्ष, नगर निगम
– ट्रांसपोर्ट नगर के लिए 30 साल से सपने दिखाए गए। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कई बार घोषणा की काम नहीं किया। कांग्रेस इसे रोकने का काम कर रहे हैं। हमने ट्रंासपोर्ट नगर का प्रस्ताव पास कराया है।
विजय पांडे, भाजपा पार्षद
– प्रस्ताव के समर्थन में पूरा बहुमत था। जो प्रस्ताव परिषद में रखे गए थे। माननीय सदस्यों ने इस पर सहमति जताई है।
कमलेश निरगुरडक़र, उपायुक्त एवं सचिव परिषद