बिजली खरीदी व सप्लाई में लागत के आधार पर तय किए जा रहे दाम

Bhaskar Jabalpur
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Jabalpur News: बिजली खरीदी और सप्लाई में लागत के आधार पर बिजली के रेट तथा फ्यूल सरचार्ज की प्रत्येक माह उपभोक्ताओं से वसूली हो रही है। एक ही बिंदु पर दो प्रक्रियाओं से दो बार वसूली उचित नहीं है। वह उपभोक्ताओं के हितों के विरुद्ध तथा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 61 (डी) का उल्लंघन है, इसलिए वर्ष 2025-26 के लिये बिजली दर निर्धारण के लिए जारी सार्वजनिक सूचना की अगली कार्यवाही रोक दी जानी चाहिए।

यह अपील नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने विद्युत नियामक आयोग को आपत्ति भेजकर की, साथ ही स्पष्ट किया कि यदि आयोग रोक नहीं लगाएगा तो कानून का उल्लंघन करने के विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।

मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे तथा रजत भार्गव ने बताया कि विद्युत अधिनियम की धारा 62 के तहत वर्ष में एक बार बिजली दर निर्धारण के लिए बिजली कम्पनियों ने नियामक आयोग के समक्ष याचिका दायर कर वार्षिक राजस्व आवश्यकता रिपोर्ट पेश की है। इसमें बिजली खरीदी, बिक्री तथा सप्लाई आदि पर खर्च एवं आमदनी का विवरण दिया है। इसी के आधार पर आयोग ने सार्वजनिक सूचना जारी की है।

पूर्व में फ्यूल सरचार्ज, बिजली खरीदी तथा सप्लाई आदि के खर्च का उल्लेख नहीं किया गया था, लेकिन अब 17 मार्च 2023 को रेग्युलेशन 4 तथा 9 में संशोधन कर इस बिंदु को शामिल कर दिया है। इसी के चलते एक ही बिंदु पर रेट निर्धारण की प्रक्रिया तथा फ्यूल सरचार्ज निर्धारण की प्रक्रिया से उपभोक्ताओं से वसूली की जा रही है, इसलिए कानूनी प्रश्न यह खड़ा किया गया है कि क्या एक ही बिंदु पर दो बार दो प्रक्रियाओं के तहत उपभोक्ताओं से वसूली की जा सकती है। डॉ. नाजपांडे तथा श्री भार्गव ने बताया कि यह वसूली गैरकानूनी है।