
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन ने अपनी करतूतों से एक बार फिर भारत की मुश्किलें बढ़ा दी। बांग्लादेश के दक्षिणपूर्वी चटगांव बंदरगाह पर शनिवार को चीनी नौसेना ट्रेनिंग जहाज Qi Jiguang (Hull 83) और डॉक लैंडिंग जहाज Jinggangshan पंहुचे। माना जा रहा है कि यहां पर चीनी नौसेना के ये दोनों जहाज तीन दिनों तक रूकेंगे। बता दें, बांग्लादेश में मोहम्मू यूनुस की अंतरिम सरकार बनने के बाद पहली बार विदेशी जहाजी बेड़ा रुकने वाला है।
दरअसल, बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद बनी मोहम्मद यूनुस के नेतृ्त्व वाली अंतरिम सरकार की चीन से करीबी बढ़ती चली गई है। श्रीलंका, मालदीव समेत भारत के पड़ोसी देशों में चीन डॉक करता रहता है। इस वजह से भारत को चीन पर जासूसी का संदेह रहा है।
पड़ोसी देशों में चीनी जहाजों की आवाजाही भारत के लिए चिंताजनक रही है। माना जा रहा है कि बांग्लादेश में चीनी नौसेना के दो जहाजों का आना भारत के लिए किसी टेंशन से कम नहीं है।
इस बारे में चीन के रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है। जिसके मुताबिक, यात्रा के दौरान बांग्लादेश में चीनी बेड़ा द्विपक्षीय बैठकें आयोजित करेगा। इन बैठकों में चीन स्थानीय लोगों के साथ प्रोफेशनल बातचीत करेगा। इस बातचीत के जरिए चीनी नौसेना और बांग्लादेशी नौसेना के साथ बातचीत, सहयोग और आपसी विश्वास को सशक्त बनाना है।
चीन को लगी मिर्ची
बांग्लादेश में चीनी जहाजों के रुकने पर भारतीय मीडिया ने संदेह जताया है। इस पर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने जहर उगला है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, भारतीय मीडिया ने चीनी नौसैनिक बेड़े के कवरेज में जो सतर्क लहजा अपनाया है, उससे भारत की ‘जीरो-सम मेंटालिटी’