
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में 21 अप्रैल (सोमवार) को निधन हो गया है। बीते कुछ समय से वो काफी ज्यादा बीमार भी चल रहे थे। वैटिकन सिटी की तरफ से उनके निधन की पुष्टि की गई है। मिली जानकारी के मुताबिक, पोप फ्रांसिस बीते कुछ समय से ही निमोनया से पीड़ित चल रहे थे। फरवरी 2025 को उनको रोम के जेमेली हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया था। सोशल मीडिाय पर वेटिकन की तरफ से आधिकारिक बयान जारी किया गया है। उसमें बताया गया है कि ‘पोप फ्रांसिस का निधन ईस्टर मेंडे, 21 अप्रैल, 2025 को वेटिकन के कासा सैंटा मार्ता में उनके घर पर हुआ है।’
क्यों थे एडमिट?
मिली जानकारी के मुताबिक, उनको बीते एक हफ्ते से सांस लेने में परेशानी हो रही थी। इसके बाद उनको रोम के जेमेली हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। इसके बाद ही वहां के डॉक्टर्स ने बताया है कि उनको निमोनिया हुआ है। साथ ही उनका काफी दिनों तक इलाज हुआ था। इलाज के बाद उनको डिस्चार्ज कर दिया गया था। बता दें, उनका निधन उनके घर पर ही हुआ है।
बचपन से ही एक फेफड़े के साथ थे पोप फ्रांसिस
सूत्रों के मुताबिक, लंग्स का इंफेक्शन फैलने की वजह से ही पोप फ्रांसिस का एक लंग टीन एज में ही निकाल दिया गया था। इसके बाद वो कई सालों से एक फेफड़े के साथ ही जी रहे थे। कई लोगों का दावा भी है कि उनके पास सिर्फ एक ही फेफड़ा था लेकिन ऐसा नहीं है उनके पास भी बचपन से ही दो फेफड़े थे और इंफेक्शन की वजह से एक निकाल दिया गया था।
क्या थी पोप फ्रांसिस को बीमारी?
पोप फ्रांसिस को डबल निमोनिया हो गया था। अगर लोगों के दोनों फेफड़ों में निमोनिया हो जाता है तो उसको डबल निमोनिया कहते हैं। इसका कारण अभी सही तरह से पता नहीं चला है। पोप फ्रांसिस को कई समय से फेफड़ों से संबंधित परेशानियां थीं।
क्या हैं निमोनिया के लक्षण?
पोप फ्रांसिस निमोनिया से काफी ज्यादा पीड़ित थे। जिसको भी निमोनिया होता है उसको काफी ज्यादा खांसी आती है। ये खांसी बलगम के साथ भी हो सकती है या सूखी भी हो सकती है। निमोनिया के मरीजों को बुखार, सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द और थकान जैसी कई सारी परेशानियां महसूस होती हैं। अगर आपको भी ऐसे लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और जरूरी इलाज करवाएं।