
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानि पीटीआई के कार्यकर्ता पिछले कई दिनों से शरीफ सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की धमकी दे रहे हैं। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बीते दिन एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया। जिसमें गठबंधन सरकार के वरिष्ठ सदस्य भी शामिल किए गए हैं। इस संयुक्त जांच कमेटी में उप प्रधानमंत्री इशाक डार, राणा सनाउल्लाह, सीनेटर इरफान सिद्दीकी, राजा परवेज अशरफ, नवीद क़मर, डॉ. खालिद मकबूल सिद्दीकी, अब्दुल अलीम खान और चौधरी सलीक हुसैन शामिल हैं।
आपको बता दें पाक पीएम शरीफ द्वारा गठित कमेटी मुख्य विपक्षी पार्टी पीटीआई से चर्चा करेगी। पीटीआई ने शरीफ सरकार को नागरिक अवज्ञा की धमकी दी है। इससे पहले नेशनल असेंबली के स्पीकर आयाज सादिक की सिफारिश पर पीटीआई के संस्थापक पूर्व पीएम इमरान खान ने सरकार से बातचीत करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी का उद्देश्य सरकार से बातचीत कर टकराव से बचना था। मकसद हल न होने पर बीते दिन पीटीआई ने आंदोलन की धमकी दी।
आपको बता दें पाकिस्तान की शरीफ सरकार ने संयुक्त कमेटी गठित करने का कदम पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने नागरिक अवज्ञा आंदोलन की घोषणा के बाद उठाया है। पीटीआई ने साफ तौर पर कहा था कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वो आंदोलन की शुरुआत करेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पीटीआई के विरोध प्रदर्शन के दौरान अराजकता फैलाने वालों की पहचान करने के लिए गृह मंत्री मोहसिन नकवी के नेतृत्व में एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया था। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को आतंकी समूह कहा था।