‘पहलगाम हमले को लेकर चीन ने दिया बड़ा बयान’, कहा – ‘मामले की हो निष्पक्ष और न्यायपूर्ण जांच..’

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। भारत द्वारा लगाए जा रहे आरोप के बाद पाकिस्तान ने चीन और रूस से हमले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है। इस बीच चीन का बड़ा बयान आया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पहलगाम मामले की निष्पक्ष और न्यायपूर्ण जांच हो।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा कि हम मौजूदा तनाव को सामान्य करने के लिए किए प्रयासों का स्वागत करते हैं। हम चाहते हैं कि मामले की निष्पक्ष और न्यायपूर्ण जांच हो। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से सवाल किया गया कि रूसी मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान चाहता है कि पहलगाम हमले की जांच में चीन और रूस शामिल हों। इसके जवाब में प्रवक्ता ने कुछ नहीं किया।

इसके अलावा प्रवक्ता से मीडिया ने जब ये पूछा कि पाकिस्तान पर जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं, इस पर आपका क्या कहना है? प्रवक्ता ने इस सवाल को भी टाल दिया। जियाकुन ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों पड़ोसी देश हैं। हम (चीन) उम्मीद करता है कि दोनों देश एक दिशा में काम करेंगे और आपसी मतभेदों को बातचीत से सुलझाएंगे, ताकि क्षेत्र में शांति बनी रहे।

इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने रूसी न्यूज एजेंसी नोवोस्ती को दिए इंटरव्यू में कहा कि इंटरनेशनल टीम जांच करे कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सच बोल रहे हैं या झूठ। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि रूस या चीन या यहां तक कि पश्चिमी देश इस संकट में बहुत ही सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं और वे एक जांच दल भी गठित कर सकते हैं, जिसे जांच का यह काम सौंपा जाना चाहिए कि भारत या मोदी झूठ बोल रहे हैं या वह सच बोल रहे हैं। एक अंतरराष्ट्रीय दल को पता लगाने दें।’ उन्होंने कहा कि पाक पीएम शहबाज शरीफ की ओर से भी ये प्रस्ताव रखा गया है।

चीनी विदेश मंत्री से पाकिस्तान के डिप्टी पीएम ने की बात

वहीं पाकिस्तान के डिप्टी पीएम मोहम्मद इशाक डार ने रविवार को चीन के विदेश मंत्री व सीपीसी सेंट्रल कमेटी के पोलित ब्यूरो मेंबर वांग यी से फोन पर बात की थी और पहलगाम मुद्दे पर अपनी सफाई दी थी। दरअसल, पहलगाम हमले के बाद दुनिया के देशों ने भारत के साथ एकजुटता दिखाते हुए आतंकवाद के खिलाफ एक्शन पर सहमति दिखाई थी। इससे पाकिस्तान इस मामले में अलग-थलग पड़ता दिख रहा है। अब शहबाज सरकार, दुनिया के देशों के सामने अपना पक्ष रखने में जुटी हुई है। इसी के तहत पाकिस्तान ने चीन के विदेश मंत्री से चर्चा की।