परिक्रमा पथ पर वारदातें बढ़ीं, पोस्टमैन के अपहरण की कोशिश के बाद बुजुर्ग महिला से लूट

Satna News: चित्रकूट का परिक्रमा मार्ग पिछले कुछ समय से आमजन और श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित नहीं रह गया है, कभी शासकीय कर्मचारी के अपहरण का मामला सामने आता है तो महिला श्रद्धालु से पर्स लूटने की वारदात होती है। तीन दिन के अंदर दो सनसनीखेज आपराधिक घटनाओं से पवित्र नगर में दहशत फैल गई है, तो पुलिस के लिए भी बदमाशों को गिरफ्तार कर सुरक्षित माहौल बनाने की चुनौती खड़ी हो गई है।

महिला श्रद्धालु से लूट

पुलिस ने बताया कि उत्तर प्रदेश के औरैया जिले की निवासी 60 वर्षीय कृष्णा गुप्ता अपने परिजनों के साथ बुधवार की रात को तकरीबन 1 बजे ट्रेन से तीर्थाटन के लिए चित्रकूट आई और ऑटो में बैठकर सीधे परिक्रमा मार्ग पर पहुंच गई। स्वास्थ्य कारणों से पैदल चलकर कामदगिरि की परिक्रमा करने में उन्हें परेशानी हो रही थी। इसी दौरान बाइक से दो युवक निकले, जिन्होंने मदद करने की बात कही, तो महिला ने मोटरसाइकिल से परिक्रमा कराने पर 100 रुपए देने का प्रस्ताव रखा, जिस पर युवक मान गए और कृष्णा को गाड़ी में बैठाकर परिक्रमा कराने ले गए, जबकि परिवार के बाकी सदस्य पैदल ही चलते रहे।

तब की वारदात

कुछ मिनट बाद बाइक सवार बुजुर्ग महिला को उसी जगह पर ले आए, जहां से गाड़ी में बैठाया था, तब उन्होंने पैसे देने के लिए पर्स खोला, लेकिन तभी बदमाश पर्स छीनकर भाग निकले। यह देखकर पीड़ित ने शोर मचाया और पीछा करने का भी प्रयास किया, लेकिन तब तक बाइक सवार दूर निकल चुके थे। काफी देर बाद परिजनों के आने पर बुजुर्ग महिला ने अपने साथ हुई घटना से अवगत कराया और सुबह होते ही थाने में शिकायत दर्ज करा दी। पर्स में 5 हजार नकदी, मोबाइल और डायरी समेत कुछ जरूरी चीजें रखीं थीं। दर्शनार्थी महिला से लूट की घटना सामने आते ही पुलिस हरकत में आ गई और परिक्रमा मार्ग में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालकर आरोपियों को चिन्हित करने के प्रयास शुरू कर दिए, मगर अब तक कुछ पता नहीं चला।

अपहरणकर्ता पुलिस की गिरफ्त से दूर

महिला से लूट की वारदात से 4 दिन पहले सोमवार की सुबह रिश्तेदार के साथ परिक्रमा कर रहे पोस्टमैन ईश्वरचंद पांडेय उर्फ राजा को तीन बाइकों पर आए 9 बदमाशों ने अगवा करने का प्रयास किया था।

इस दौरान उनके रिश्तेदार ने बहादुरी दिखाते हुए कड़ा प्रतिरोध किया, जिससे घबराकर आरोपी भाग निकले और पोस्टमैन की जान बच गई, लेकिन चार दिन बाद भी आरोपी चिन्हित नहीं हो पाए हैं। बताया गया है कि इस मामले में मुखबिरों के साथ साइबर टीम को भी सक्रिय किया गया है, पर ठोस सुराग हाथ नहीं लग रहे।