पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने BJP उम्मीदवार प्रवेश वर्मा के समर्थन में की रैली, कहा – ‘कुछ लोग मंदिर को छोड़कर मस्जिद में…’

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव होने वाले है। इसके लिए राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। इस क्रम में बागेश्वर बाबा नाम से फैमस पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने नई दिल्ली विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा के चुनाव प्रचार में शामिल हुए। लक्ष्मीबाई नगर से गणेश उत्सव पार्क में शामिल पहुंचे। इस दौरान भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा भी उपस्थित हुए हैं।

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “प्रयागराज की धरती से लंबी यात्रा करके कन्या विवाह का निमंत्रण बांट रहे हैं। हम आप सबसे मिलने और कन्या विवाह का निमंत्रण देने के साथ हिंदू-हिंदी और हिंदुस्तान को बचाने आए हैं। आप सबके पूरे परिवार के ऊपर हनुमान जी कृपा बनी रहे।”

धीरेंद्र शास्त्री ने प्रवेश वर्मा के समर्थन में की रैली

इसके बाद उन्होंने कहा, “हनुमान जी का प्रताप चारों युगों में हैं। हिंदुओं को आंदोलन नहीं, आंदोलित करना है। प्रत्येक व्यक्ति को हिंदुत्व पर गर्व हो। जब तक प्राण रहते हैं, तब तक आंदोलित किया जा सकता। समस्याओं का पता लगाने से समाधान मिल जाएगा। दुनिया को बदलने के पहले देश और देश से पहले राज्य और राज्य से पहले जिला को बदलना होगा। घर को बदलने से पहले खुद को बदलना होगा।”

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “आंखों पर जैसा चश्मा वैसा नजारा। दिल्ली वालों सुनों- भारत के लोगों को गुरु बनाना चाहते हैं। सारा खेल आंखों का है। दिल्ली वाले महान होते हैं। घोड़े को चश्मा लगाते ही सूखी घास हरी नजर आने लगी। देखने की कला बदलेंगे तो समस्या का समाधान हो जाएगा। तन बदलते हैं लेकिन मन नहीं बदलते हैं। दुनिया को बदलने से पहले खुद को बदलो। गाली देने वाले को सेम टू यू बोलना है। वो एक दिन सुधर कर चरणों में आ जाएगा।”

स्वामी विवेकानंद स्वामी का किया जिक्र

उन्होंने कहा, ”कपड़े बदलते मन नहीं बदलते। मंदिर बदलते हैं। कुछ लोग मंदिर को छोड़कर मस्जिद में घुस जाते हैं और हाथ जोड़ लेते हैं। दुनिया बदलने के पहले खुद को बदलना है। मन के हारे हार मन के जीते जीत। गरीबी में पढ़ने वाला अमेरिका का राष्ट्रपति बन जाता है, अगर नरेद्र स्वामी विवेकानंद बन सकता है। हनुमान जी सब संभव करवा सकते हैं।”

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “नेताओं की प्रॉब्लम होती है कि कहीं कुर्सी ना खिसक जाए। हमें तो जय बजरंग बली कहना है। कुछ हिंदू हलिबुल्ला के पास जा रहे। कहीं जाने की जरूरत नहीं। प्रयागराज में वक्फ की जमीन को लेकर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि उन्हें बोल दो कि ये अब्बा की नहीं बब्बा की है।”