
Shahdol News: सोहागपुर के 11 जनपद सदस्यों को परेशानी बताने के लिए मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई की कतार में खड़ा होना पड़ा। जनपद सदस्यों ने परेशानी बताई कि 15वें वित्त योजना में कार्ययोजना अनुमोदन की फाइल 2 साल में पास नहीं हुई। कलेक्टर से मंजूरी के बाद भी लगभग 8 माह से ज्यादा समय से जिला पंचायत सीईओ कार्यालय में प्रक्रिया अटकी है।
इसमें वर्ष 2022-23 और 2023-24 की कार्ययोजना अनुमोदन शामिल है, जिसे सोहागपुर जनपद से जिला पंचायत भेजा गया है। परेशानी सुनने के बाद कलेक्टर ने एसीईओ मुद्रिका सिंह से कारण जाना तो पता चला कि नोटशीट तैयार है। सीईओ जिला पंचायत अंजली रमेश के हस्ताक्षर का इंतजार है। कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने जल्द से जल्द मामले का निराकरण करने के निर्देश दिए।
समस्या लेकर पहुंचे जनपद सदस्य विक्रम सिंह, शक्ति सिंह, लक्ष्मण गुप्ता, निशाबी नायक, चंदा सिंह, मंधारी बैगा, राधिका कोल, मीरा चौधरी, रामबाई बैगा, राजेश कोल, राजकुमार कोल ने बताया कि सत्ता के विकेंद्रीकरण के दावों के बीच जनप्रतिनिधियों की विवशता और नौकरशाही की मनमानी का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है।
ग्रामीणों को क्या जवाब दें
जनपद सदस्यों ने बताया कि चुनाव के दौरान ग्रामीणों ने मूलभूत समस्याओं से जुड़ी छोटी-छोटी समस्याएं बताई थी। किसी को स्पॉट डेम चाहिए था तो कहीं जल संग्रहण के लिए तालाब निर्माण। इसका प्रस्ताव बनाकर दिया तो दो साल में मंजूरी नहीं मिली। ऐसे में गांव में जाने पर ग्रामीणों को क्या जवाब दें कि अधिकारी के पास प्रक्रिया अटकी है।
बार-बार टीम का गठन
जिला पंचायत द्वारा 15वें वित्त की कार्ययोजना में शामिल प्रस्ताव की जांच के लिए एसडीएम व अन्य अधिकारियों को शामिल कर टीम बनाने की बात जनपद सदस्यों ने बताई। इस पर कलेक्टर ने दो टूक कहा कि जिला पंचायत से मंजूर होने वाले कार्यों में एसडीएम को शामिल कर टीम बनाने का क्या औचित्य। इससे काम में और विलंब होगा। जिन कार्यों में लगता है कि कुछ गड़बड़ है तो जिला पंचायत के अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर परीक्षण करें।
करेंगे आंदोलन
जनपद सदस्यों ने कहा कि उनकी समस्या का समाधान दो दिन में नहीं हुआ तो आगे आंदोलन करेंगे। उन्होंने बताया क लोगों की समस्या का समाधान समय पर होना चाहिए। विलंब में होने वाले कार्यों से ग्रामीणों में संतोष के बजाए गुस्सा होता है।