
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फिल्म अलबेली एक नारी के अबला से सबला बनने की संवेदना और संघर्ष की कहानी है। खजुराहो फिल्म फेस्टिवल में इस फिल्म का प्रोमोशन किया गया है। फिल्म अलबेली राजस्थान की कालबेलिया जनजाति की एक लोक नर्तकी पर केंद्रित है। फिल्म में जहां एक ओर नायिका अलबेली का कालबेलिया नृत्य एक शौक है और वह इसे अपनी खुशी के लिए करती है, पर वहीं इसके इतर उसकी इस कला को सामंत अपनी महफिलों की सजावट की चीज बनाना चाहते हैं, इसके खिलाफ वह जिद और जुनून तक संघर्ष करती दिखाई देती है।
कामाख्या स्टूडियो व मंगलश्री प्रोडक्शन के संयुक्त बैनर तले बनी संजय कुमार अग्रवाल व उमेश गिरि की यह फिल्म नारी संवेदनाओं और संघर्ष को बहुत ही संतुलित ढंग से उकेरती है। सत्येंद्र चौहान के कसे हुए निर्देशन के बीच फिल्म की पटकथा और संवाद भी काफी प्रभावी हैं। फिल्म में अलबेली की केंद्रीय भूमिका में अभिनेत्री अनुजा सहाय के सशक्त अभिनय ने जान फूंक दी है। फिल्म की नायिका अनुजा सहाय ने अलबेली की भूमिका को प्रभावी ढंग से निभाया है। फिल्म में कर्ज में फंसा शराबी बूढ़ा बाप सामंतों के सामने आत्मसमर्पण कर अपनी बेटी की अस्मत तक का सौदा करने को तैयार है पर अलबेली अपनी अंतिम सामर्थ्य तक सामंतों के खिलाफ संघर्ष करती दिखाई देती है। फिल्म की फोटोग्राफी व कोरियोग्राफी भी काफी अच्छी बन पड़ी है। म्यूजिक उमेश गिरि ने दिया है।


