
Nagpur News 1 जनवरी 2025 को शहर के डागा, मेयो और मेडिकल सहित निजी अस्पतालों में पहले 12 घंटों में 80 से 90 बच्चों का जन्म हुआ। इससे अनुमान लगाया गया कि 24 घंटे में करीब 150 बच्चों का जन्म हुआ। ये बच्चे “बीटा बेबीज’ कहलाएंगे। जेन जी और जेन अल्फा के बाद अब जेन बीटा दौर शुरू हो गया है, जो पूरी तरह से टेक्नोलॉजी पर निर्भर रहेंगे।
डागा में संख्या अधिक : शहर के इंदिरा गांधी सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (मेयो) में नए साल के पहले बारह घंटे में आठ बच्चों का जन्म हुआ। इसमें 4 लड़कियां और चार लड़के हैं। सभी का जन्म सिजेरियन डिलीवरी से हुआ। डागा महिला अस्पताल में आधी रात के बाद 14 बच्चों का जन्म हुआ। इसमें 8 लड़कियां और 6 लड़के शामिल हैं। इनमें से 11 डिलीवरी सिजेरियन सेक्शन से हुईं। 5 सामान्य प्रसव हुए। मेडिकल में 12 घंटे में 12 डिलीवरी हुए। इसमें 2 लड़कियां और 10 लड़कों का जन्म हुआ। डागा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिलीप मडावी ने बताया कि नए साल के पहले दिन पहले बारह घंटे में डागा अस्पताल में सबसे अधिक 14 बच्चों का जन्म हुआ।
हर दिन 225 बच्चों का जन्म ः शहर में कुल 640 से अधिक निजी अस्पताल हैं। इनमें से पचास प्रतिशत से अधिक नर्सिंग होम हैं। इस निजी नर्सिंग होम में प्रतिदिन 70 से 80 बच्चे जन्म लेते हैं। यानी उपराजधानी में हर साल 58 से 69 हजार बच्चे पैदा होते हैं। यानी हर दिन 225 बच्चों का जन्म होता है।